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सोमवार, 4 नवंबर 2019

भरोसे की भैंस

भले कुछ दिन दूध गाढ़ा दे गयी है
भरोसे की भैंस पाड़ा दे गयी है

थी बड़ी उम्मीद अबके होगी पड़िया
और मिलेगा ढेर सारा दूध बढ़िया
बनेगी पड़िया बड़ी हो ,भैंस सुन्दर
दूध का उत्पाद दूना जाएगा बढ़
इतने  दिन 'ड्राई 'थी,पर करी सेवा
आस थी कि मिलेगा सेवा से मेवा
खिलाया था घास ,बंटा अच्छा खासा
मिली पर इस बार भी हमको निराशा
हम मनुष्यों में कई है अजब  बातें
होता है बेटा तो हम खुशियां मनाते
बेटी हो तो होता है अफ़सोस मन में
बेटियां पर चाहते  पशु के जनन  में
बेटे बेटी में नहीं है कोई अंतर
है हमारी प्रवर्ति तो लालची पर
लाभ मिलता जब  ,जहाँ खुशियाँ मनाते
पड़िया ,बछिया होना है हमको सुहाते
हृदय को दुख ढेर सारा दे गयी है
भरोसे की भैंस पाड़ा दे गयी है

घोटू 

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