एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

शुक्रवार, 23 सितंबर 2016

प्रियतमा तुम ,मै पिया हूँ


गीत मै  हूँ ,रागिनी तुम ,
भाव मै हूँ,भंगिमा  तुम 
साज मै ,संगीत हो तुम,
चाँद मै हूँ,पूर्णिमा  तुम 
राह मै हूँ,तुम हो मंजिल,
नाव मै हूँ,तुम हो साहिल
मै अगर तन,प्राण तुम हो,
तुम हो धड़कन ,मैं अगर दिल 
मैं हूँ ऊँगली ,अंगूठी तुम,
मै हूँ चूड़ी ,तुम खनक हो 
वृक्ष हूँ मैं , छाँव हो तुम ,
फूल हूँ मै ,तुम महक हो 
सूर्य हूँ मैं ,तुम उषा हो,
मैं हूँ बदली,नीर हो तुम 
मैं हूँ मजनू,तुम हो लैला,
मै हूँ रांझा,हीर हो तुम 
मै  क्षुधा हूँ ,तुम हो भोजन ,
तुम्हो पानी,प्यास हूँ मै 
तुम ख़ुशी,आल्हाद हूँ मै ,
आस तुम,विश्वास हूँ मै 
तुम हो नदिया,मै समंदर,
प्रेरणा तुम,कर्म हूँ मै 
दान तुम,संकल्प हूँ मै ,
आस्था तुम,धर्म हूं मै 
यज्ञ हो तुम,आहुति मै ,
तुम हो बाती ,मै दिया हूँ 
एक दूजे में बसे हम,
प्रियतमा तुम,मैं पिया हूँ 

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-