आत्मकेंद्रित
एक तरफ तो 'अहंब्रह्म 'का पाठ पढाते हो
स्वाभिमान से जीवन जीना ,हमे सिखाते हो
कहते हो सब ख्याल रखें जो अपना अपना
तब ही होगा पूर्ण ,प्रगति का अपना सपना
और अगर जो कोई अपनी सोचे हरदम
बुरा मान कर,उसे 'आत्मकेंद्रित'कहते हम
करो ब्रह्म पर आत्मा केंद्रित 'ब्रह्मज्ञान'है
करो आत्म पर आत्मा केंद्रित 'आत्मज्ञान'है
आत्मज्ञान जो मिला ,स्वयम को तुम जानोगे
खुद को समझा ,परमब्रह्म 'को पहचानोगे
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
एक तरफ तो 'अहंब्रह्म 'का पाठ पढाते हो
स्वाभिमान से जीवन जीना ,हमे सिखाते हो
कहते हो सब ख्याल रखें जो अपना अपना
तब ही होगा पूर्ण ,प्रगति का अपना सपना
और अगर जो कोई अपनी सोचे हरदम
बुरा मान कर,उसे 'आत्मकेंद्रित'कहते हम
करो ब्रह्म पर आत्मा केंद्रित 'ब्रह्मज्ञान'है
करो आत्म पर आत्मा केंद्रित 'आत्मज्ञान'है
आत्मज्ञान जो मिला ,स्वयम को तुम जानोगे
खुद को समझा ,परमब्रह्म 'को पहचानोगे
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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