गुजरा ज़माना
याद आता है हमें वो ज़माना ,
गुल खिलाते थे बड़े गुलफाम थे
जवानी की बात ही कुछ और थी ,
देखती थी लड़कियां दिल थाम के
बुढ़ापे में हाल ऐसा हो गया ,
रह गए है आदमी बस नाम के
उम्र ने हमको निकम्मा कर दिया ,
वरना हम भी आदमी थे काम के
घोटू
याद आता है हमें वो ज़माना ,
गुल खिलाते थे बड़े गुलफाम थे
जवानी की बात ही कुछ और थी ,
देखती थी लड़कियां दिल थाम के
बुढ़ापे में हाल ऐसा हो गया ,
रह गए है आदमी बस नाम के
उम्र ने हमको निकम्मा कर दिया ,
वरना हम भी आदमी थे काम के
घोटू
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