कल के लिये
आस है कल अगर फल की ,आज पौधे रोंपने है
विरासत के वजीफे,नव पीढ़ियों को सौंपने है
मार कर के कुंडली ,कब तलक बैठे तुम रहोगे
सभी सत्ता ,सम्पदा,सुख को समेटे तुम रहोगे
थक गये हो,पक गये हो,हो गये बेहाल से तुम
टपक सकते हो कभी भी,टूट करके डाल से तुम
छोड़ दो ये सभी बंधन, मोह, माया में भटकना
एक दिन तस्वीर बन,दीवार पर तुमको लटकना
वानप्रस्थी इस उमर में,भूल जाओ कामनायें
प्यार सब जी भर लुटा दो,बाँट दो सदभावनाएँ
याद रख्खे पीढियां,कुछ काम एसा कर दिखाओ
कमाई कर ली बहुत , अब नाम तुम अपना कमाओ
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
Ventebos the damned trailer
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In a realm where darkness reigns and evil holds sway, emerges a tale of
redemption and heroism. Meet Ventebos, a black swords...
6 घंटे पहले