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रविवार, 30 जून 2024

बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड 


बॉयफ्रेंड जब बन जाता पति 

गर्लफ्रेंड बन जाती श्रीमती 


फंस कर चक्कर में गृहस्थी के 

सब रोमांस फुर्र हो जाता 

इश्क मोहब्बत इलू वाला 

सपना चूर-चूर हो जाता 

ना तो होता पहले जैसा 

मिलना जुलना गिफ्टें लाना 

घर में रोज पकाओ खाना 

बंद हुआ होटल में जाना 

रोज-रोज की तू तू मैं मैं 

से अक्सर ही बात बिगड़ती

 बाय फ्रेंड जब बन जाता पति 


गर्लफ्रेंड जब बनती पत्नी 

एक पराई बनती अपनी 


सजा धजा सा मेकअप वाला 

 रूप नज़र अब ना आता है 

ना रहते हो नाज़ और नखरे 

असली चेहरा दिख जाता है 

मिलन औपचारिक ना रहता है 

उसमे अपनापन आ जाता 

व्यस्त काम में रहती दिनभर 

फूलों सा चेहरा मुरझाता 

पर आहार प्यार का पाकर 

बदन छरहरा बनता हथनी 

गर्लफ्रेंड जब बनती पत्नी


मदन मोहन बाहेती घोटू

नींव के पत्थर 


एक विशाल इमारत बनकर 

गौरव से तुम उठा रहे सर 

टिके हुए तुम जिसके ऊपर 

हम हैं उसी नींव के पत्थर 


हम घुट घुट कर सांस ले रहें 

नाम तुम्हारा दीवारॉ पर 

इतना सारा बोझ तुम्हारा 

उठा रहे अपने कंधों पर 


है इसमें ही हर्ष हमारा 

सदा रहे उत्कर्ष तुम्हारा 

फहराए तुम्हारा परचम  

आते वर्षों वर्ष तुम्हारा 


है कोशिश हमारी हरदम 

भूकंपों से बचे रहो तुम 

देखे तुमको लोग सराहें 

ऐसे सुन्दर सजे रहो तुम 


दिन-दिन करते रहो तरक्की 

हम तो यही चाहते हैं बस 

हैं इतनी सी पर आकांक्षा 

दे दो हमको भी थोड़ा यश


मदन मोहन बाहेती घोटू

बुढापा कैसे काटें 


बुढ़ापा सबको ही आता, किसी का जोर ना चलता 

उम्र का यह दौर ऐसा सभी के मन को है खलता 

बुढ़ापे की जटिलता में किस तरह लाएं सरलता 

जिंदगी के जंग में कैसे मिले तुमको सफलता 

चंद बातें बताता हूं ,याद तुम रखना हमेशा 

पहली यह के किसी से भी रखो ना कोई अपेक्षा 

क्योंकि अक्सर अपेक्षाएं पूर्ण होती कदाचित है 

और इस कारण तुम्हारा हृदय हो जाता व्यथित है 

दूसरा यह की स्वयं की बचत खुद के नाम रखना 

किसी पर आश्रित न होना, सदा स्वाभिमान  रखना 

अपनी सारी जमा पूंजी खर्च खुद पर करो जी भर 

हाथ  देने को उठे ,ना मांगने का आए अवसर 

जिंदगी भर बहुत मेहनत करी तुमने धन कमाया 

वह भला किस काम का जो काम तुम्हारे ही  न आया 

तीसरा, चुप रहो ,घर के काम हर में मत दखल दो 

राय दो जब कोई पूछे ,बिना मांगे मत अकल दो 

क्योंकि यह पीढ़ी नई है सोचने का ढंग नया है 

वक्त पहले सा रहा ना, बदलअब सब कुछ गया है 

स्वास्थ्य अच्छा रहेगा यदि खाओ कम और खाओ गम तुम 

हो कोई झगड़ा कलह तो हमेशा ही जाओ नम तुम 

इस तरह जो रहोगे तो तुम्हारा सम्मान होगा 

बुढ़ापे में जिंदगी जीना बड़ा आसान होगा  

खाओ पियो मन मुताबिक और जियो मन मुताबिक 

मज़ा वृद्धावस्था का , जी भर उठाओ, मन मुताबिक 

पत्नी को दो मान,जीवन की वही है सच्ची साथी 

जीवन के अंतिम समय तक साथ तुम्हारा निभाती 

अपने सब सुख दुख हमेशा संग उसके मिलकर बांटो 

जिओ चिंता मुक्त जीवन ,बुढ़ापा इस तरह काटो 


मदन मोहन बाहेती घोटू

सोमवार, 24 जून 2024

कैसी मिलेगी


जो चटपट पटाओगे तो चटपटी मिलेगी


 जो खटाखट चाहोगे तो खटपटी मिलेगी


 जरा हटके ढूंढना चाहोगे तो हठी मिलेगी 


छांटने के चक्कर में रहोगे तो छंटी मिलेगी


मिलेगी वही जो लिखी होगी नसीब में तेरे 


फेर में जिसके पड़  तुम लोगे के सात फेरे


घोटू

जय अमरनाथ 


जय जय अमरनाथ सरकार 

आपकी महिमा अपरंपार 

भगत हम आए तेरे द्वार 

हमारा भी कर दो उद्धार  


अमर गुफा में पहाड़ की

 किया आपने वास 

लगी भीड़ है भक्त की

हर लो सबके त्रास 


नमो बाबा बर्फानी 

महिमा जानी मानी 

गुफा की अमरनाथ की 

सुनो तुम आज कहानी 


करी जिद पार्वती ने 

यहां पर शंकर जी ने 

सुनाई अमर कथा थी 

हुई पावन यह गुफा थी 


रूप बर्फीला लेकर 

हमेशा आते शंकर 

श्वेत छवि सुंदर प्यारी 

कष्ट हरते त्रिपुरारी 


बर्फ रूप में पहाड़ पर 

आते हैं महादेव 

जीवन में हर भक्त के 

लाते शांति सदैव 


कृपा भोले की होती 

ज्ञान की जलती ज्योती 

लुटाते हो तुम सब पर प्यार 

जय जय अमरनाथ सरकार


मदन मोहन बाहेती घोटू

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