कभी खुद से भी प्यार करके देखो
आप पत्नी से प्यार करते हो, करो
आप बच्चों से प्यार करते हो, करो
आप परिवार से प्यार करते हो,करो
आप मित्रों से प्यार करते हो, करो
पर इन सब पर प्यार लुटाने के चक्कर में कभी भी नहीं झांकते हो अपने अंदर में कभी स्वयं पर भी उपकार करके देखो कभी खुद से भी तो प्यार करके देखो
पत्नी को नई साड़ी चाहिए ,दिलवा दोगे बच्चों को नए खिलौने चाहिए , ला दोगे परिवार की जरूरत पर सदा जोर दिया है क्या अपनी बनियान के छेदों पर गौर किया है
कभी खुद के लिए भी नए सूट सिलवाओ अपने लिए ब्रांडेड स्पोर्ट्स शूज ले आओ आज तक तुमने दिन-रात खट कर जो कमाया है
क्या कभी थोड़ा सा उसका सुख उठाया है ठेले पर ₹10 के पांच गोलगप्पे खाकर खुश हो जाते हो
किसी पांच सितारा होटल में लंच क्यों नहीं खाते हो
तुमने एक दो छोटे तीर्थ करके जिंदगी गुजार दी है
जरा खोह से निकल कर देखो ये दुनिया कितनी बड़ी है
भगवान ने यह दुनिया बनाई है इतनी सुंदर और तुम सिमट कर रहते हो चार दिवारी के अंदर
कभी पंख लगा कर हवाई जहाज में भी उड़ो
हिल स्टेशन पर जाकर बर्फीले पहाड़ों से भी तो जुड़ो
देश-विदेश की सैर करो, वहां की संस्कृति को जानो
ईश्वर ने जो इतनी बड़ी दुनिया बनाई है,,
उसे पहचानो
जो इतना कमाया है खुद पर भी खर्च करो, मजा लो
बुढ़ापे में जीवन का सारा आनंद उठा लो वरना जब ऊपर जाओगे तो ऊपर वाला पूछेगा
जो मैंने इतनी बड़ी दुनिया बनाई है तुमने क्या देखा
तुम्हारे पास जवाब ना होगा तो वह खफा होकर
फिर से एक बार भेज देगा तुम्हें धरती पर और तुम फिर मृत्युलोक के 84 के चक्कर में फंस जाओगे
तुम्हें मोक्ष नहीं मिल पाएगा और ना भवसागर तर पाओगे
इसलिए जितना भी हो सके, घूमो, फिर कर के देखो
खुद पर भी खर्च करो,खुद से प्यार करके देखो
मदन मोहन बाहेती घोटू