जवानी फिर से मिल जाए
बीते हुए जवान दिनों की जब आती है याद
दोनों हाथ उठा ईश्वर से करता में फरियाद
ऐसा चमत्कार दिखला दो भगवान अबकी बार
सूख रहा यह गुलशन फिर से हो जाए गुलजार
मुरझाए इस दिल की कलियां फिर से खिल जाए
भगे बुढ़ापा दूर जवानी फिर से मिल जाए
तन की सुस्ती हटे और फिर चुस्ती आ जाए
नहीं रहे वीरानापन और मस्ती आ जाए
तन में जोश भरे ,चेहरे पर ऐसी रंगत आय
साथ हसीनों का फिर से में कर पाऊं इंजॉय
वह मुझको मिल जाए हमेशा जिस पर दिलआए
भगे बुढ़ापा दूर ,जवानी फिर से मिल जाए
मदन मोहन बाहेती घोटू