मैं नीबू हूँ
सुन्दर रूप,सुनहरी काया ,दिलकश प्यारी सी खुशबू हूँ
मैं नीबू हूँ
पीला रंग,रसीला तनमन ,कुछ खट्टा,लेकिन मन भाता
कितने ही भोजन पदार्थ का,और चाट का स्वाद बढ़ाता
छोले और भठूरे प्यारे ,या फिर चाट फलों वाली में
खट्टे चावल हो या पोहे ,मुझे पाओगे हर थाली में
दाल,सलाद और चटनी में ,मेरे बिना काम ना चलता
मेरे रस से बनी शिकंजी, देती गर्मी में शीतलता
मुझे काट कर ,मिर्च मसाला मिला रखो,बनता अचार हूँ
चीनी संग मिल ,खटटी मीठी,चटनी बन कर मैं तैयार हूँ
लोग निचोड़ा करते मुझको ,अपना स्वाद बढ़ाया करते
मेरी जीर्ण शीर्ण काया से ,घिस बरतन चमकाया करते
अदना पर कमजोर नहीं हूँ ,भरा विटामिन सी है तन में
ढेरों दूध ,फाड़ सकती है , मेरी कुछ बूँदें, कुछ क्षण में
कभी बिमारी में, मैं भेषज,और कभी सौंदर्य प्रसाधन
तांत्रिक ,मंत्र तंत्र सिद्धि का ,मुझे बनाया करते साधन
टोने और टोटके करता ,बुरी नज़र से ,सदा बचाता
इसीलिए मैं ,दुकानो में , मिरची संग, लटकाया जाता
हो कुरबान ,सभी को सुख दो,परोपकार है मैंने सीखा
अंग्रेजी में ,मैं 'लेमन' हूँ, जिसने ले मन लिया सभीका
यूं तो मेरे गुण गाते ही रहते , लोग , स्वाद के मारे
पर अपने सुख सुविधा हित जब वो खरीदते मंहगी कारें
पूजा कर ,टायर के नीचे , सदा दबाया जाता क्यूँ हूँ
मैं नीबू हूँ
सुन्दर रूप,सुनहरी काया ,दिलकश प्यारी सी खुशबू हूँ
मैं नीबू हूँ
पीला रंग,रसीला तनमन ,कुछ खट्टा,लेकिन मन भाता
कितने ही भोजन पदार्थ का,और चाट का स्वाद बढ़ाता
छोले और भठूरे प्यारे ,या फिर चाट फलों वाली में
खट्टे चावल हो या पोहे ,मुझे पाओगे हर थाली में
दाल,सलाद और चटनी में ,मेरे बिना काम ना चलता
मेरे रस से बनी शिकंजी, देती गर्मी में शीतलता
मुझे काट कर ,मिर्च मसाला मिला रखो,बनता अचार हूँ
चीनी संग मिल ,खटटी मीठी,चटनी बन कर मैं तैयार हूँ
लोग निचोड़ा करते मुझको ,अपना स्वाद बढ़ाया करते
मेरी जीर्ण शीर्ण काया से ,घिस बरतन चमकाया करते
अदना पर कमजोर नहीं हूँ ,भरा विटामिन सी है तन में
ढेरों दूध ,फाड़ सकती है , मेरी कुछ बूँदें, कुछ क्षण में
कभी बिमारी में, मैं भेषज,और कभी सौंदर्य प्रसाधन
तांत्रिक ,मंत्र तंत्र सिद्धि का ,मुझे बनाया करते साधन
टोने और टोटके करता ,बुरी नज़र से ,सदा बचाता
इसीलिए मैं ,दुकानो में , मिरची संग, लटकाया जाता
हो कुरबान ,सभी को सुख दो,परोपकार है मैंने सीखा
अंग्रेजी में ,मैं 'लेमन' हूँ, जिसने ले मन लिया सभीका
यूं तो मेरे गुण गाते ही रहते , लोग , स्वाद के मारे
पर अपने सुख सुविधा हित जब वो खरीदते मंहगी कारें
पूजा कर ,टायर के नीचे , सदा दबाया जाता क्यूँ हूँ
मैं नीबू हूँ