पाकिस्तानी आकाओं से
दहशतगर्दी को शह देते ,पाल रहे हो नागों को,
डस तुमको कब लेंगे ,जिनको ,दूध पिलाया ,पता नहीं
चले हमें थे सबक सिखाने,ऐसा सबक मिला तुमको ,
कितने मासूमो को तुमने ,बलि चढ़ाया , पता नहीं
अक्सर आग लगानेवाले ,खुद जलजल जाते,लपटों से ,
कितनी माताओं का तुमने ,मन झुलसाया ,पता नहीं
अब छोडो ,नापाक इरादे ,नफरत त्यागो और बदलो ,
दहशत गर्दो ने तुमको क्या,सबक सिखाया ,पता नहीं
एटम बम पर मत इतराओ ,खतरे भरे खिलोने है ,
तुम ही एटम ना बन जाओ,इन्हे चलाया ,पता नहीं
आतंकी गतिविधियाँ छोडो ,वरना तुम पछताओगे ,
कितनी बार तुम्हे समझाया,समझ न आया ,पता नहीं
मदन मोहन बाहेती'घोटू'