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रविवार, 9 नवंबर 2014

रंग-ए-जिंदगानी: नगंता और अश्लीलता

रंग-ए-जिंदगानी: नगंता और अश्लीलता: अगर भारत विश्व कप में विजयी हो जाता हैं तो मैं सरेआम न्यूड हो जाऊगी ।,माँडल पूनम पाडें के इस बयान को हम सस्ती लोकप्रियता बटोरने की ब...

गुरुवार, 6 नवंबर 2014

खुश हो लेते हैं रौशनी की कल्पना से ही...

अंधेरा है अब भी 
पर खुश हो लेते हैं
रौशनी की कल्पना से ही...

दुःख हैं बहुत से
पर दबा देते हैं
तमाम सुखों के 
काल्पनिक 
एहसासों से...

मुश्किलें हैं अनगिनत
पर हल कर लेते हैं
उन्हें खयालों में ही
हकीकत में हल होने तक...

खुशियां आती हैं जिन्दगी में
बहुत कम और कभी - कभी
पर मिला लेते हैं हमेशा इसमें
दूसरों की खुशियां और
 

बना डालते हैं अपने आसपास
एक खुशियों का सुन्दर सा जहां...

व्यस्त इतने रहते हैं
अपनों का हाल पूछने में कि
वक्त ही नहीं मिलता 
अपने हाल पर रोने का...

कमाई बहुत ज्यादा नहीं है पर
लोगों की दुआयें इतनी हैं कि
ख्वाबों में ही सही
बहुत मजे में कट रही है जिन्दगी...

- विशाल चर्चित

बुधवार, 5 नवंबर 2014

मेंहदी

                   मेंहदी

हरे पत्ते थे  झाडी  के,  खड़े  थे  यूं  ही जंगल में
मगर किस्मत गयी उनकी ,बदल बस एक ही पल में
हुए कुर्बान पिस कर के ,हुस्न का साथ जब पाया
हाथ में उनके जब आये ,रंग किस्मत का पलटाया
हो गया लाल रंग उनका , समां  कर तन में गौरी के
छोड़ दी छाप कुछ ऐसी  ,बस गए मन में गौरी के
सुहागन सज गयी प्यारी ,पिया ने  हाथ जब  चूमा
प्यार कुछ ऐसा गरमाया ,चढ़ गया  रंग दिन दूना
नहीं इतना सिरफ़ केवल,जोर किस्मत ने फिर मारा
चढ़ा कर सर पे गौरी ने ,सजाया रूप निज प्यारा
रंग लिए केश सब अपने ,चमक जुल्फों में यूं आयी
छटा बालों की यूं निखरी ,सभी के मन को वो भायी
चिन्ह सुहाग का तब से ,बतायी जाती  मेंहदी है
तीज,त्योंहार,शादी में ,लगाई जाती मेंहदी  है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

मंगलवार, 4 नवंबर 2014

इलाज बतलाइये

         इलाज बतलाइये

किसी चीज को अगर चलाना ,लुब्रिकेंट लगाते है
इससे वो अच्छी चलती है,ऐसा लोग बताते  है
खुश्की की खुजली चलती है,जब जब सर्दी आती है
लुब्रिकेंट लगा देने से ,लेकिन कुछ  थम जाती  है
उल्टा चक्कर,परेशान पर ,मैं  खुश्की की खुजली से
कोई यदि उपचार बता दे ,धन्यवाद  दूंगा  जी से

घोटू

धरम-करम

          धरम-करम

धर्म के नाम पर केवल,हजारों खर्च कर देंगे
मगर भूखे गरीबों को,चवन्नी तक नहीं देंगे
मोक्ष की कामना या लालसा ले स्वर्ग की मन में,
तीर्थ और देव दर्शन में ,बिता सारी उमर देंगे
पुजारी पंडितों ने बुन रखे है जाल कुछ ऐसे ,
बनाये उस शिकंजे में ,फंसा हम अपना सर देंगे
पेट भूखे का भर दो गर ,मदद निर्धन की करदो गर
तहे दिल से दुआएं वो ,तुम्हे सारी  उमर  देंगे
मगर पाखंडियों के फेर  में जो रहोगे  उलझे ,
पता ना कल को क्या होगा ,बुरा वो आज कर देंगे

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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