'आप'ने
दर्देदिल,दर्दे जिगर ,दिल में जगाया आप ने
हम कहीं के ना रहे ,ऐसा हराया आप ने
खुद तो अट्ठाइस सीटें ,जीत कर गर्वित हुए ,
और हमको , आठ सीटों ,पर जिताया आपने
हमने सोचा ,मिले हम तुम,और ये घर बसायें,
पर न गुण मिलते हमारे ,ये बताया आप ने
आठ अट्ठाइस मिले,छत्तीस गुण सब मिल गए ,
फिर भी शादी करने का ना मन बनाया ,आप ने
हम तो 'लिविंग इन रिलेशनशिप'को भी तैयार थे,
मांग अट्ठारह वचन , चक्कर चलाया आप ने
आपकी वो सारी शर्तें,हमने झट से मान ली,
लोगों से पूछेंगे कह ,पीछा छुड़ाया आप ने
आप की मर्दानगी पे जनता शक करने लगी ,
छह माह में बच्चे देंगे ,बरगलाया आप ने
अपनी जिम्मेदारियों से ,ऐसे पल्ला झाड़ कर,
पात्र खुद को ही हंसी का,है बनाया आप ने
मदन मोहन बाहेती'घोटू'