डकार
विदेशी प्रवास
सुबह होटल में अमेरिकी ब्रेकफास्ट
बस में बैठ कर भ्रमण को निकलना
दर्शनीय स्थलों पर घूमना,फिरना,विचरना
और लंच के समय जब बस रूकती थी
तो लोगों के नाश्ते की पोटलियाँ खुलती थी
गुजरातियों के थेपले और खान्खरे ,
मारवाड़ियों के लड्डू और भुजिया
पंजाबियों के मठरी और अचार
हल्दीराम के नमकीन और मिक्सचर
या पीज़ा,फ्रेंच फ्राईज और बर्गर
और रात को इंडियन डिनर
मैदे की रबर सी ठंडी रोटियां
उबले फीके छोले,
पके अधपके चांवल,
स्वादहीन सब्जियां,
सूखी,रसविहीन,एनीमिक जलेबियाँ
चींठे गुलाबजामुन या पतली सी खीर
इन्ही चीजों से भर कर के प्लेट
किसी तरह भी भरा करते थे पेट
या सलाद और फल खाकर,
ही दिये दस दिन गुजार
और जब घर आकर,
खाये आलू के गरम गरम परांठे
और आम का अचार,
तब ही आई तृप्ति भरी डकार
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
परछाई और मैं
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अकेले चलते-चलतेअपनी परछाई से बातें करते-करतेअनंत युगों सेकरता आ रहा हूं
पारएक समय चक्र से दूसरे समय चक्र कोलेकिन पा नहीं पा रहाउस अंतिम कोर कोजिस
पर समाप्त...
8 घंटे पहले