आओ हम तुम चले प्रयाग
एक डुबकी संगम में ले ले, धन्य हमारे भाग
एक सौ चुम्मालिस वर्षों में आया यह संजोग
महाकुंभ का लाभ उठाने पहुंचे कितने लोग
कितने सारे साधु बाबा योगी और महंत
कई अखाड़े मंडलेश्वर के, एकत्रित सब संत
बड़े-बड़े भंडारे चलते, कथा ,यज्ञ ,उपदेश
इस अवसर का लाभ उठाने पहुंचा पूरा देश
उमड़ रही है भीड़ कर रहे हैं सब गंगा स्नान
उठा रहे हैं परेशानियां, नहीं रहे पर मान
एक डुबकी में पुण्य कमाते और धो रहे पाप
इस मौके से फिर क्यों वंचित रहते मै और आप
दिखा रहे हैं धर्म सनातन के प्रति निजअनुराग
हर हिंदू में ,धर्म आस्था ,आज गई है जाग
आओ हम तुम चले प्रयाग
मदन मोहन बाहेती घोटू
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