स्वर्ग और नर्क
पुण्य करो तो स्वर्ग मिलेगा ,
पाप करो तो नर्क जाओगे
गंगा में स्नान करो तुम,
पाप कटें ,सद्गति पाओगे
न तो नर्क ना स्वर्ग कहीं पर,
ये सब तो कपोल कल्पित है
तरह तरह की बातें करके
लोग हमें कर रहे भ्रमित है
जन्म कुंडली में तुम्हारी ,
राहु केतु कर रहे बखेड़ा
और गुरु की वक्र दृष्टि है,
मंगल का मिजाज है टेढ़ा
कभी शनि की साढ़ेसाती
चंद्र नीच का ,कभी कुपित है
तरह तरह की बातें करके ,
लोग हमें कर रहे भ्रमित है
बहुत कठिन ग्रह दशा चल रही,
महामृत्युंजय जाप कराओ
शनिवार को शनि मंदिर जा ,
शनिदेव पर तेल चढ़ाओ
पूजा-पाठ यज्ञ करवाओ
पितृदोष कर रहा व्यथित है
तरह-तरह की बातें करके,
लोग हमें कर रहे भ्रमित है
इस जीवन में दान करो तुम
अगले जीवन में सुख पाओ
तीरथ दर्शन, भजन ,कीर्तन
करके ढेरों पुण्य कमाओ
तो निश्चित ही स्वर्ग लोक में,
सीट तुम्हारी आरक्षित है
तरह तरह की बातें करके
लोग हमें कर रहे भ्रमित है
मदन मोहन बाहेती घोटू
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