प्यार और मिठाई
१
तुम्हारी ना को ना और हां को हां ही मानता हूं मैं
तुम्हें खुश रखने के हथकंडे सब पहचानता हूं मैं
गर्म गाजर का हलवा तुम हो प्यारा और मनभाता
मिलेगा स्वाद चमचा बनके ही, यह जानता हूं मैं
२
भले ही टेढ़ी हो लेकिन रसीली और निराली हो
जलेबी की तरह स्वादिष्ट हो तुम और प्यारी हो
तुम्हारा सच्चा आशिक तुम्हें दिल से प्यार करता हूं
मैं दीवाना तुम्हारा, प्रेमिका तुम ही हमारी हो
३
तुम्हारा प्यार लच्छेदार है ,प्यारा सुहाना है
रसीला रस मलाई सा, हमें करता दीवाना है
मैं लच्छेदार रबड़ी से भरा जब देखता कुल्हड़,
मेरा मन होताअल्हड़,करता जिद इसको ही खाना है
मदन मोहन बाहेती घोटू
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