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बुधवार, 23 अक्तूबर 2013

झांसा राम

            झांसा राम

राम राम ,झांसा राम
काल जादू,काले काम
बोलते सफ़ेद झूंठ
बच्चियों का शील लूट
समर्पण का  ले के नाम
करते गंदे गंदे काम
आदतों के तुम गुलाम
राम राम,झांसा राम
इतने सारे आश्रम थे
तुम बड़े ही बेशरम थे
संत कहते तुम्हे लोग
तुममे काम और लोभ
और वो भी बेलगाम
राम राम,झांसा राम
प्रवचनों में धर के ध्यान
बांटते थे ब्रह्मज्ञान
अँधेरे में टोर्च मार
भक्तिनो का कर शिकार
बगल छूरी ,मुंह में राम
राम राम,झांसा राम

घोटू

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