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मंगलवार, 2 मई 2017

माँ !...ओ माँ !!...ओ माँ !!!

अब तक नहीं आयी 
कहां तू लुकाई
भूख ने पेट में 
हलचल मचाई
माँ !...ओ माँ !!...ओ माँ !!!

गयी जिस ओर 
निगाह उस ओर
घर में तो जैसे 
सन्नाटे का शोर
माँ !...ओ माँ !!...ओ माँ !!!

ये हरे भरे पत्ते 
बैरी हैं लगते
कहते हैं मां गई 
तेरी कलकत्ते
माँ !...ओ माँ !!...ओ माँ !!!

जल्दी से आओ 
दाना ले आओ
इन सबके मुंह पे 
ताला लगाओ
माँ !...ओ माँ !!...ओ माँ !!!

अब हम न मानेंगे
उड़ना भी जानेंगे
तेरे पीछे-पीछे हम
आसमान छानेंगे
माँ !...ओ माँ !!...ओ माँ !!!

- विशाल चर्चित

शुक्रवार, 28 अप्रैल 2017

सच्चा सुकून 

छुट्टियां लाख पांच सितारा होटल में मनालो,
सुकून तो अपने घर ,आकर ही मिलता  है 
पचीसों व्यंजन का ,बफे डिनर खा लो पर ,
चैन घर की दाल रोटी ,खाकर ही मिलता है 
सुना दो ,अच्छा सा कितना ही म्यूज़िक पर,
 मज़ा गुसलखाने में  ,गाकर ही मिलता है 
रंग बिरंगी परियां ,मन बहलाती, पर सुख,
बीबी की  बाहों में ,आकर ही मिलता है 

घोटू 

शनिवार, 15 अप्रैल 2017

बुझे चराग जले हैं जो इस बहाने से...

बुझे चराग जले हैं जो इस बहाने से
बहुत सुकून मिला है तेरे फिर आने से

बहुत दिनों से अंधेरों में था सफर दिल का
इक आफताब के बेवक्त डूब जाने से

नया सा इश्क नयी सी है यूं तेरी रौनक
लगे कि जैसे हुआ दिल जरा ठिकाने से

चलो कि पा लें नई मंजिलें मुहब्बत की
बढ़ा हुआ है बहुत जोश चोट खाने से

कसम खुदा की तेरे साथ हम हुए चर्चित
जरा सा खुल के मुहब्बत में मुस्कुराने से

- VISHAAL CHARCHCHIT

मंगलवार, 28 मार्च 2017

खाना और पकाना 

साल में तीस चालीस दिन ,भंडारा या लंगर 
और पन्द्रह बीस बार ,जाना किसी के न्योते पर 
वर्ष में अठारह व्रत,याने दो बार की नवरात्रि 
चार व्रत चार जयंती के और एक शिवरात्रि 
चौविस व्रत एकादशी के ,
और बारह  पूर्णिमा के रखे  जाते 
इस तरह सालमे चार महीने तो ,
यूं ही बिन पकाये निकल जाते 
फिर पूरे सावन में एक समय भोजन करना 
सोम,मंगल और शनिवार को एकासन व्रत रखना 
याने की पांच माह से ज्यादा ,
सिर्फ एक समय भोजन 
तो फिर कूकिंग की जहमत क्यों उठाये हम 
लोग जो इतनी होटलें और रेस्टारेंट खोले पड़े है 
हम जैसो के  ही आसरे तो खड़े है
इनको चलते रहने देने के लिए भी तो कुछ करना है  
लोगो को रोजी रोटी देना है,
सरकार का सर्विस टेक्स भरना है 
और ये चाट पकोड़ी के ठेले ,पिज़ा बर्गर के आउटलेट 
हमारे भरोसे ही तो भरेगा इनका पेट 
जब आसानी से मिल जाता है ,
रोज नया टेस्ट और अलग अलग स्वाद 
तो फिर पकाने में ,
कोई क्यों करे ,अपना वक़्त बर्बाद 

घोटू  

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