सच्चा सुकून
छुट्टियां लाख पांच सितारा होटल में मनालो,
सुकून तो अपने घर ,आकर ही मिलता है
पचीसों व्यंजन का ,बफे डिनर खा लो पर ,
चैन घर की दाल रोटी ,खाकर ही मिलता है
सुना दो ,अच्छा सा कितना ही म्यूज़िक पर,
मज़ा गुसलखाने में ,गाकर ही मिलता है
रंग बिरंगी परियां ,मन बहलाती, पर सुख,
बीबी की बाहों में ,आकर ही मिलता है
घोटू
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।