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शुक्रवार, 22 सितंबर 2023
गुरुवार, 21 सितंबर 2023
शौक जवानी वाले
है तन में थोड़ी कमजोरी ,
और कई बीमारी पाले हैं
हो गई बयांसी उम्र मेरी ,
पर शौक जवानी वाले हैं
घर की रोटी और दाल छोड़,
बाहर होटल में खाते हैं
या फिर स्विगी को ऑर्डर दे,
पिज़्ज़ा बर्गर मंगवाता है
है गरम कचोरी मनभाती ,
या खाते छोले भटूरे हैं
रबड़ी केऔर जलेबी के ,
हम अब भी आशिक पूरे हैं
दो घूंट कभी गटका लेते,
तो हो जाते मतवाले हैं
हो गई बयांसी उम्र मेरी
पर शौक जवानी वाले हैं
अब भी हम पहना करता हैं
कपड़े रंगीन और चटकीले
पूरे फैशन के मारे हैं,
और शोक हमारे रंगीले
सागर तट पर सैर सपाटा ,
हमको बहुत सुहाता है
लहरों के संग,अठखेली में
मजा बहुत ही आता है
अपने मन को बहलाने के
यह सब अंदाज निराले हैं
हो गई बयांसी उम्र मेरी ,
पर शौक जवानी वाले हैं
अब भी आशिक मिजाज है दिल
जो देख हुस्न, ललचाता है
पाने को साथ जवानी का ,
मन तरसा तरसा जाता है
मन देश विदेश घूमने को
अब भी आतुर रहता हरदम
बस यूं ही उछालें भरता है,
हालांकि बचा ना कुछ दम खम
खुद को जवान समझने की,
हम गलतफहमियां पाले हैं
हो गई बयांसी उम्र मेरी ,
पर शौक जवानी वाले हैं
मदन मोहन बाहेती घोटू
आती है मां याद तुम्हारी
तेरी सूरत प्यारी प्यारी
आती है मां याद तुम्हारी
तूने जन्म दिया और पाला
अपने हाथों खिला निवाला
दूध पिलाया ,चिपका छाती
लोरी गा तू मुझे सुलाती
मैं रोया , तुमने पुचकारा
स्वार्थहीन था प्यार तुम्हारा
मेरी बाल सुलभ कीड़ा पर,
बार-बार जाती बलिहारी
आती है मां याद तुम्हारी
तूने अक्षर ज्ञान कराया
चलना,उंगली पकड़ सिखाया
जब भी गिरा ,उठाया तूने
ढाढस दे,समझाया तूने
हर सुख दुख में साया तेरा
हरदम बना ,सहायक मेरा
तेरे ही आशीवादों से,
मैं जीवन में बड़ा अगाड़ी
आती है मां याद तुम्हारी
आज तू नहीं ,तेरी यादें
रखती परिवार को बांधे
सब बेटी बेटे तुम्हारे
हैं संपन्न ,सुखी है सारे
अब भी वरदहस्त तुम्हारा
देता हमको सदा सहारा
तेरी शिक्षा ,तेरी दिक्षा,
सदा प्रेरणा बनी हमारी
आती है मां याद तुम्हारी
मदन मोहन बाहेती घोटू
रविवार, 17 सितंबर 2023
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आहटें ..... - *आज भोर * *कुछ ज्यादा ही अलमस्त थी ,* *पूरब से उस लाल माणिक का * *धीरे धीरे निकलना था * *या * *तुम्हारी आहटें थी ,* *कह नहीं सकती -* *दोनों ही तो एक से...10 वर्ष पहले
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झाँसी की रानी पर आधारित "आल्हा छंद" - झाँसी की रानी पर आधारित 'अखंड भारत' पत्रिका के वर्तमान अंक में सम्मिलित मेरी एक रचना. हार्दिक आभार भाई अरविन्द योगी एवं सामोद भाई जी का. सन पैंतीस नवंबर उ...10 वर्ष पहले
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हम,तुम और गुलाब - आज फिर तुम्हारी पुरानी स्मृतियाँ झंकृत हो गई और इस बार कारण बना वह गुलाब का फूल जिसे मैंने दवा कर किताबों के दो पन्नों के भूल गया गया था और उसकी हर पंखुड़िय...10 वर्ष पहले
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गाँव का दर्द - गांव हुए हैं अब खंढहर से, लगते है भूल-भुलैया से। किसको अपना दर्द सुनाएँ, प्यासे मोर पप्या ? आंखो की नज़रों की सीमा तक, शहरों का ही मायाजाल है, न कहीं खे...10 वर्ष पहले
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संघर्ष विराम का उल्लंघन - जम्मू,संघर्ष विराम का उल्लंघनकरते हुए पाकिस्तानी सेना ने रविवार को फिर से भारतीय सीमा चौकियों पर फायरिंग की। इस बार पाकिस्तान के निशाने पर जम्मू जिले के का...11 वर्ष पहले
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प्रतिभा बनाम शोहरत - “ हम होंगें कामयाब,हम होंगें कामयाब,एक दिन ......माँ द्वारा गाये जा रहे इस मधुर गीत से मेरे अन्तःकरण में नए उत्साह का स्पंदन हो रहा था .माँ मेरे माथे को ...11 वर्ष पहले
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आवरण - जानती हूँ तुम्हारा दर्प तुम्हारे भीतर छुपा है. उस पर मैं परत-दर-परत चढाती रही हूँ प्रेम के आवरण जिन्हें ओढकर तुम प्रेम से भरे सभ्य और सौम्य हो जाते हो जब ...11 वर्ष पहले
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OBO -छंद ज्ञान / गजल ज्ञान - उर्दू से हिन्दी का शब्दकोश *http://shabdvyuh.com/* ग़ज़ल शब्दावली (उदाहरण सहित) - 2 गीतिका छंद वीर छंद या आल्हा छंद 'मत्त सवैया' या 'राधेश्यामी छंद' :एक ...11 वर्ष पहले
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इंतज़ार .. - सुरसा की बहन है इंतज़ार ... यह अनंत तक जाने वाली रेखा जैसी है जवानी जैसी ख्त्म होने वाली नहीं .. कहते हैं .. इंतज़ार की घड़ियाँ लम्बी होती हैं ख़त्म भ...12 वर्ष पहले
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यार की आँखों में....... - मैं उन्हें चाँद दिखाता हूँ उन्हे दिखाई नही देता। मैं उन्हें तारें दिखाता हूँ उन्हें तारा नही दिखता। या खुदा! कहीं मेरे यार की आँखों में मोतियाबिंद...12 वर्ष पहले
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आज का चिंतन - अक्सर मैं ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, के साथ हंसी-मजाक करता हूँ. जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमय...12 वर्ष पहले
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क्राँति का आवाहन - न लिखो कामिनी कवितायें, न प्रेयसि का श्रृंगार मित्र। कुछ दिन तो प्यार यार भूलो, अब लिखो देश से प्यार मित्र। ……… अब बातें हो तूफानों की, उम्मीद करें परिवर्तन ...12 वर्ष पहले
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कल रात तुम्हारी याद - कल रात तुम्हारी याद को हम चाह के भी सुला न पाये रात के पहले पहर ही सुधि तुम्हारी घिर कर आई अहसास मुझको कुछ यूँ हुआ पास जैसे तुम हो खड़े व्याकुल हुआ कुछ मन...12 वर्ष पहले
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HAPPY NEW YEAR 2012 - *2012* *नव वर्ष की शुभकामना सहित:-* *हर एक की जिंदगी में बहुत उतार चढाव होता रहता है।* *पर हमारा यही उतार चढाव हमें नया मार्ग दिखलाता है।* *हर जोखिम से ...12 वर्ष पहले
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"भइया अपने गाँव में" -- (बुन्देली काव्य-संग्रह) -- पं० बाबूलाल द्विवेदी - We're sorry, your browser doesn't support IFrames. You can still <a href="http://free.yudu.com/item/details/438003/-----------------------------------------...13 वर्ष पहले
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अपनी भाषाएँ - *जैसे लोग नहाते समय आमतौर पर कपड़े उतार देते हैं वैसे ही गुस्से में लोग अपने विवेक और तर्क बुद्धि को किनारे कर देते हैं। कुछ लोगों का तो गुस्सा ही तर्क...13 वर्ष पहले
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