कोरोना लाया बरबादी
दुष्ट कोरोना ऐसा आया ,लेकर आया है बरबादी
कितनो के ही प्राण हर लिए ,कई दुकाने बंद करवादी
रात चाँद धुंधला दिखता है और तारों की चमक खो गयी
पर्यावरण बहुत बिगड़ा है ,शुद्ध हवा दुश्वार हो गयी
जिन वृक्षों से ऑक्सीजन था मिलता ,हमने कटवा डाले
आज ऑक्सीजन के खातिर ,फिरते है हम मारे मारे
आज फेंफड़े तरस रहे है ,शुद्ध हवा भी ना मिल पाती
दुष्ट कोरोना ऐसा आया , लेकर आया है बरबादी
बाज़ारों में सन्नाटा है ,हर जन है दहशत का मारा
श्रमिक गाँव को लौट रहे है ,तालाबंदी लगी दुबारा
भीड़ लग रही अस्पताल में ,नहीं मिल रहा बिस्तर खाली
प्राण दायिनी ,कई दवा की ,जम होती काला बाज़ारी
एक दूजे पर लगा रहे है लांछन ,हम सब है अपराधी
दुष्ट कोरोना ऐसा आया ,लेकर आया है बरबादी
ना त्यौहार मन रहा कोई ,ना उत्सव ना भीड़भाड़ है
स्कूल कॉलेज बंद पड़े है , मॉल, सिनेमा सब उजाड़ है
कैसी गाज गिरी पृथ्वी पर ,कैसा कठिन समय यह आया
दुनिया के सारे देशों पर ,मंडरा रहा मौत का साया
रद्द हुए कितने आयोजन ,कितनो की शादी टलवा दी
दुष्ट कोरोना ऐसा आया ,लेकर आया है बरबादी
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
दुष्ट कोरोना ऐसा आया ,लेकर आया है बरबादी
कितनो के ही प्राण हर लिए ,कई दुकाने बंद करवादी
रात चाँद धुंधला दिखता है और तारों की चमक खो गयी
पर्यावरण बहुत बिगड़ा है ,शुद्ध हवा दुश्वार हो गयी
जिन वृक्षों से ऑक्सीजन था मिलता ,हमने कटवा डाले
आज ऑक्सीजन के खातिर ,फिरते है हम मारे मारे
आज फेंफड़े तरस रहे है ,शुद्ध हवा भी ना मिल पाती
दुष्ट कोरोना ऐसा आया , लेकर आया है बरबादी
बाज़ारों में सन्नाटा है ,हर जन है दहशत का मारा
श्रमिक गाँव को लौट रहे है ,तालाबंदी लगी दुबारा
भीड़ लग रही अस्पताल में ,नहीं मिल रहा बिस्तर खाली
प्राण दायिनी ,कई दवा की ,जम होती काला बाज़ारी
एक दूजे पर लगा रहे है लांछन ,हम सब है अपराधी
दुष्ट कोरोना ऐसा आया ,लेकर आया है बरबादी
ना त्यौहार मन रहा कोई ,ना उत्सव ना भीड़भाड़ है
स्कूल कॉलेज बंद पड़े है , मॉल, सिनेमा सब उजाड़ है
कैसी गाज गिरी पृथ्वी पर ,कैसा कठिन समय यह आया
दुनिया के सारे देशों पर ,मंडरा रहा मौत का साया
रद्द हुए कितने आयोजन ,कितनो की शादी टलवा दी
दुष्ट कोरोना ऐसा आया ,लेकर आया है बरबादी
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '