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गुरुवार, 15 जून 2017

नयन

नयन जिनमे बसते है सपने सुनहरे ,
नयन मिलते ,परिणिती होती मिलन में
नयन जो कि चमकते है ,हर ख़ुशी में,
नयन जो कि छलकते है हरएक गम में
नयन जिनमे भरे है  आंसूं  हजारों
नयन जो कि नींद के काफी सगे  है
नयन कजरारे सदा मन मोहते है ,
नयन जिससे दुनिया ये सुन्दर लगे है
नयन जिनमे छवि जब बसती किसी की ,
प्रेम की अनुभूति का आनंद होता
नयन खुलते ,जागृत होता है जीवन ,
नयन होते बंद,जीवन  अंत होता
नयन जो की आइना है भावना का,
नयन का रंग क्रोध में है लाल होता
नयनो  में छाती गुलाबी डोरियाँ जब ,
प्रेमियों का मिलन और अभिसार होता
नयन जब निहारते है ,अपलक तो,
बने भँवरे,रूप का रसपान करते
नयन आधे बंद ,करते सोच चिंतन,
बंद होकर ,योग करते,ध्यान धरते
नयन से ही किसी की पहचान होती ,
नयन से ही हम किसी को आंकते है
नयन नटखट ,बावरे शैतान भी है,
चुप न रहते ,सदा इत उत झांकते है
नयन खोये खोये रहते प्यार में है,
नयन रोये रोये रहते , रार में है
नयन से ही हमें गोचर है सभी कुछ,
प्रभु का वरदान ये संसार  में है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

मंगलवार, 13 जून 2017

टमाटर

टमाटर महान होता है
सब्जियों की शान होता है
यह एक बहु उपयोगी चीज है
जो भोजन को बनाती लजीज है
'सेंडविच' में दबाकर खाया जाता है
पीज़ा पर भी बिछाया जाता है
सभी प्रेम से पीते टमाटर का सूप है
सेहत के लिए अच्छा और स्वाद अनूप है
टमाटर की ग्रेवी के बिना ,
सब्जियों में स्वाद नहीं आता है
और टमाटर का ज्यूस भी,
काफी पसंद किया जाता है
इसके रस में ,'वोदका 'नामक मदिरा मिला ,
'ब्लडी मेरी' नामक कॉकटेल प्रेम से पी जाती है
और सुन्दर सुन्दर रक्तिम कपोलों को ,
लाल टमाटर जैसे गालों की तुलना दी जाती है
पर ऐसे गाल ,अक्सर ठन्डे मुल्कों के ,
गोर लोगों के ही पाए जाते है
पर हम बचपन का अपना अनुभव सुनाते है
जब हमारी गलती पर ,मास्टरजी या पिताजी,
जब गालों पर जोरदार चपत लगाते थे
हमारे गाल भी टमाटर जैसे लाल हो जाते थे
हनुमान जी भी,बचपन में ,उगते सूरज को ,
टमाटर समझ कर,खाने को दौड़े थे
दुनिया में त्राहि त्राहि मच गयी थी,और
देवताओं की विनती पर बड़ी मुश्किल से छोड़े थे
टमाटर ,कराता है शादी का अहसास
क्योंकि शादी के बाद ही मिलती है सास
और टमाटर होता है ,तभी सॉस बन पाती है
बड़ी चटपटी और मजेदार होती है और ,
समोसे और पकोड़ों का स्वाद बढाती है
जैसे हम ,एक दूसरे पर रंग फेंक कर ,
होली का त्योंहार मनाते है
स्पेन देश में ,'टोमेटिनो' उत्सव में ,
एक दूसरे पर पके टमाटर फेंके जाते है
टमाटर की उपयोगिता ,तब भी नहीं घटती ,
जब कि यह सड़ जाता है
विपक्षी नेताओं के भाषण के समय ,
विरोध प्रदर्शन के लिए ,इसे फेंका जाता है
टमाटर होते बड़े मिलनसार है
लगभग सभी सब्जियों से इनका दोस्ताना व्यवहार है
सच तो ये है कि टमाटर के बिना ,
सब्जियों में स्वाद नहीं आता है
इसीलिए टमाटर ,सब्जियों का राजा कहलाता है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

गुरुवार, 8 जून 2017

तुलसीदल 

कल मैं कुछ लाचार और बदहाल लोगों से मिला ,
दोस्त मेरे सब के सब ,पागल मुझे  कहने लगे 
माटी,माटी ठीक थी और पानी,पानी ठीक था ,
मिले दोनों जब तो सब ,दलदल उसे कहने लगे 
गंदा नाला  बहते बहते  ,जा के गंगा से मिला,
बदली किस्मत ,लोग गंगाजल  उसे कहने लगे 
काट कर जंगल उगाली ,ऊंची अट्टालिकाएं,
और फिर कांक्रीट का ,जंगल  उसे कहने लगे 
मीठा जल नदियों का खारे समन्दर से मिला पर,
धूप में तप जब उड़ा ,बादल  उसे कहने  लगे 
लड्डू का परशाद सारा ,पुजारी  चट कर गए,
प्रभु के हित जो बचा ,तुलसीदल उसे कहने लगे 

मदनमोहन बाहेती'घोटू' 

बुधवार, 7 जून 2017

नयन की डोर 

नयन जिनमे बसते है सपने सुनहरे ,
नयन जो की डोर बांधे है मिलन में
नयन जो कि  चमकते है हर ख़ुशी में ,
नयन जो कि  छलकते है हरेक गम में 
नयन जिनमे कि भरा है अश्रु का जल ,
नयन जो कि नींद के  लगते  सगे  है 
नयन जो सज ,रूप करते चौगुना है,
नयन जिनसे दुनिया ये सुन्दर लगे है 
नयन जिनमे छवि जब बसती किसीकी ,
प्रेम की अनुभूति का आनंद  होता 
नयन खुलते ,जागृत होता है जीवन,
नयन होते बंद ,जीवन अंत  होता 
नयन जो कि भावना का आइना है,
नयन का रंग क्रोध में है लाल होता 
नयन में छाती गुलाबी डोरियां जब,
प्रेमियों का मिलन औरअभिसार होता 
नयन जब निहारते है अपलक तो,
बने भँवरे ,रूप का रसपान  करते 
नयन आधे बंद ,करते सोच ,चिन्तन ,
बंद होकर ,योग करते,ध्यान धरते 
नयन जब झुकते ,समझलो भरी हामी,
अधमुंधे से नयन ,समझो छायी मस्ती 
छवि जिसकी बसा करती है नयन में ,
चुरा लेती हृदय ,ऐसी दिल में बसती 
चुराते है हम कभी नयना  किसी से,
दिखाते है हम कभी नयना किसी को 
मिलाते है जब नयन हम जो किसी से 
कोई अच्छा बहुत लगने लगता जी को 
नयन से ही किसी की पहचान होती ,
नयन से ही हम किसी को आंकते है 
नयन नटखट ,बावरे  शैतान भी है,
चुप न रहते ,सदा  इत उत झांकते है  
नयन खोये खोये रहते प्यार में है ,
नयन रोये रोये रहते   रार में है 
नयन से ही हमे  गोचर है सभी सुख ,
प्रभु का वरदान ये संसार में  है 

मदन मोहन बाहेती'घोटू'
जी का कमाल 

हमने उनसे पूछा कुछ तो उनने हमसे ' जी' कहा 
हमने कुछ माँगा तो जैसी आपकी मरजी   कहा 
उनकी इस छोटीसी 'जी' ने ,ऐसा जी में घर किया 
हमको एक उत्साह से और एनर्जी से  भर दिया 
झट से राजी हो गए हम ,भुगतते है  उसका फल 
उनकी 'हाँ जी ,हाँ जी'करते कटते है दिन आजकल

घोटू  

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