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गुरुवार, 3 अप्रैल 2014

मॉर्निग वाक

              मॉर्निग वाक

सवेरे गर्मियों की छुट्टियों में घूमते बच्चे ,
क्योंकि एक तंदुरस्ती में ,हज़ारों ही नियामत है
जवां कुछ मर्द ,महिलायें ,भी अक्सर घूमते मिलते ,
जिन्हे है फ़िक्र फिगर की,और सेहत की जरूरत है
बुढ़ापे में भी  सुबह उठ   घूमना  बेहद  जरूरी  है ,
शुगर कंट्रोल में रहती ,नहीं बढ़ता है ब्लडप्रेशर
सवेरे घूमते,दिख अगर जाते ,कुछ हसीं चेहरे ,
ख़ुशी होता है मन और तन,तरोताज़ा रहे दिन भर

घोटू  

सबसे अच्छा केरियर

          सबसे अच्छा केरियर

हमसे ये पूछा बेटे ने ,करू क्या काम लाइफ में ,
               कमाऊँ खूब पैसा और मेरा नाम  हो जाये
न तो मुझको ,पड़े करनी ,रातदिन ,रोज की मेहनत ,
               करूं थोडा परिश्रम ,जिंदगी आसान हो जाये
बात सुन कर ये बेटे की,पिताजी मुस्करा बोले ,
               कि ऐसा केरियर तो बेटे केवल राजनीति है ,
इलेक्शन  में करो तुम भागादौड़ी सिर्फ दो महीने ,
               एम पी बन गए तो उम्र भर ,आराम  हो जाये 

मदन मोहन बाहेती'घोटू' 

मंहगा पानी

          मंहगा   पानी
दिल्ली में मंहगा हो गया है ,पानी इस कदर
मुश्किल से शुद्ध पानी , होता है  मयस्सर 
पूरा जो पानी भरवाना तो रेट अलग है ,
जाते है भरे गोलगप्पे ,आधे आजकल

घोटू 

हम और तुम

          हम  और तुम

तुम हलवे सी नरम,मुलायम ,और करारा मैं पापड़ सा,
                 खाकर देखो , पापड़ के संग ,हलवा बड़ा मज़ा देता है
तुम आलू का गर्म परांठा,और  दही मैं ताज़ा  ताज़ा ,
                 साथ दही के,गरम परांठा ,सारी  भूख मिटा  देता है
तुम मख्खन की डली तैरती ,और मैं हूँ मठ्ठा खट्टा सा,
                 मख्खन में वो चिकनापन है,जो सबको फिसला देता है
हम दोनों में  फर्क बहुत है ,हैं विपरीत स्वभाव  हमारे , 
                फिर भी तेरा मेरा मिलना ,तन मे आग लगा देता है
 
   मदन मोहन बाहेती'घोटू'                             

बुधवार, 2 अप्रैल 2014

चुनाव के प्रत्याशी-तरह तरह के

         चुनाव के प्रत्याशी-तरह तरह के
                            १
               हम भी लड़े प्रत्याशी 
प्रत्याशी बारह  तरह,किसका करे बखान
'हम भी लड़े चुनाव में,हो जाएगा नाम 
                           २
             पब्लिसिटी प्रेमी
टी वी और अखबार में,हो जाएगा नाम
इसीलिये चुनाव में,उतरे कुछ अनजान
                     ३
          पेराशूट प्रत्याशी
जिनने पहले ना कभी ,देखा था जो गाँव
उतरे  पेराशूट से ,लड़ने  वहाँ  चुनाव
                      ४
          बहुत बूढ़े प्रत्याशी
उम्र पिचासी कब्र में ,लटके जिनके पाँव
पर सत्ता के मोह में ,लड़ते रहें चुनाव
                      ५
             दलबदलू प्रत्याशी
बांह दूसरी थाम ली ,    देख डूबती नाव
टिकिट मिला परसाद में,लड़ने लगे चुनाव
               ६ 
     रिजर्व   प्रत्याशी 
सरकारी नीती करे ,कोई सीट रिजर्व
वो भी लड़े चुनाव है,जो ना करे डिजर्व
                     ७
        वोट काटू प्रत्याशी
कौमी लीडर कर रही ,जाति  जिसे सपोर्ट
उस जाति को दे टिकिट,काटो उसके वोट
                      ८
         लालची प्रत्याशी
होते खड़े चुनाव में,लेकिन दे  जो माल
देकर उसे सपोर्ट ये ,कर लेंते  विड्राल 
                     ९
        पुश्तेनी प्रत्याशी
दादा फ्रीडम फाइटर ,नेता है माँ  बाप
पोते पोती ले रहे,देखो इसका  लाभ 
                      १०
               शहीद प्रत्याशी 
मोटी हस्ती सामने ,होगी हार नसीब
फेंके जाते जंग में ,होने वहाँ  शहीद
                       ११
             निर्दलीय प्रत्याशी
जिनको पार्टी ने दिया ,नहीं टिकिट इस बार
निर्दलीय  बन इलेक्शन , वो,लड़ने तैयार
                           १२
                   रईस प्रत्याशी        
   गाँव गाँव घूमो फिरो,अपना खून जलाओ
राज्य सभा का टिकिट तुम,कुछ करोड़ में पाओ                     
        
मदन मोहन बाहेती'घोटू'                  

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