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सोमवार, 31 मार्च 2014

राज़ की बात

         राज़ की बात

मैं अपनी बीबी की जब खामियां उनको बताता हूँ,
              वो कहती है पसंद कर ,आप ही तो मुझको लाये थे
देखने आये थे जब मुझको अपने मम्मी पापा संग ,
               देख कर हमको कितने खुश हुए थे,मुस्कराये थे
कहा हमने कि बेगम , राज़ की एक बात  बतलायें ,
                तुम्हारी मम्मी के जलवे ,पसंद पापा को आये  थे
और ये सोच करके कि मज़ा समधन का लूटेंगे ,
                 उन्होंने 'हाँ' करी और ,हम तेरे    चंगुल  में आये थे

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

रविवार, 30 मार्च 2014

आतंकवादी

             आतंकवादी 

खुले से वस्त्र पहने, बदन वो अपना दिखाते है ,
जरा सा छू लिया तो हमको वो बदनाम करते है
दिखा कर नाज और नखरे ,हमें पहले रिझाते है,
पटाने हम को सजते ,कितने ताम और झाम करते है
अगर शादी करो तो घर की सत्ता  ले के हाथों में,
नचा कर उँगलियों पर पति को,गुलाम करते है
अदा से मुस्करा कर ,लूट लेते है ये मर्दों को ,
ये वो आतंकवादी है  जो कत्लेआम  करते है

घोटू
 

न्यूक्लियर फॅमिली


         न्यूक्लियर फॅमिली

मियां और बीबी दोनों आजकल ,इतना कमाते है
दिन भर काम करते ,रात तक हो  पस्त जाते है
नहीं हिम्मत किसी में कि पकाये गर्म वो खाना ,
गरम कर माइक्रो में फ्रीज़ का ,खाना वो खाते है
नहीं है चैन ना आराम इतने व्यस्त  रहते है ,
प्यार करने का बस दस्तूर वे केवल निभाते है
एक सन्डे ही मिलता है ,देर तक उठते है सो कर ,
किसी होटल में जाकर गर्म खाना ,मिल के खाते है
अगर बच्चा हुआ पैदा ,कौन, कैसे ,संभालेगा ,
इसलिए बच्चे के ही नाम से वो  घबरा जाते है
लगाई उनसे उम्मीदें थी उनके मम्मी पापा ने ,
मदर  और फादर डे पर ,कार्ड देकर के निभाते है
है 'घोटू' न्यूक्लीयर बम से खतरा सारी दुनिया को ,
मगर हम 'न्यूक्लीयर फॅमिली'को खतरा बताते है

मदन मोहन बाहेती'घोटू' 

प्यार का सबूत

          प्यार का सबूत

गए वो दिन कि अपना प्यार उनसे कितना दिखलाने ,
चीर कर सीना ,दिल में बसी है, तस्वीर  दिखलाओ
आजकल  प्यार दिखलाने का ,सीधा सा तरीका है ,
अपने मोबाइल पे 'वाल पेपर' उनका  लगवाओ

घोटू



घोटू

युग परिवर्तन

         युग परिवर्तन
हमें है याद बचपन में ,पिता से इतना डरते हम ,
कभी मुश्किल से उनके सामने भी सर उठाया था
और बच्चे  आजकल के हो गये है  स्मार्ट अब इतने ,
पूछते बाप से कि मम्मी को कैसे पटाया  था ?

घोटू

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