धन्यवादज्ञापन -महिला दिवस पर
जितनी भी महिलायें जीवन में आयी ,सबको करें याद
जिससे भी थोडा प्यार मिला ,उस हर महिला का धन्यवाद
माँ
जिसने नौ महीने रखा कोख में ,पाला ,पोसा ,बड़ा किया
मेरे सुख ,दुःख का ख्याल रखा ,जिसके आँचल में दूध पिया
चलना सिखलाया ,थाम हाथ,जो ममता भरा हुआ सागर
उस जीवन दायिनी माता को ,शत शत प्रणाम ,मेरा सादर
बहने
हम साथ पले और बड़े हुए ,जिनके संग संग ,काटा बचपन
जिनकी राखी से बंध रहता ,जीवनभर प्यार भरा बंधन
भाई पर प्यार लुटाती जो ,उनकी निष्ठा के क्या कहने
है प्यार भरी और स्नेहशील ,मेरी प्यारी प्यारी बहने
पत्नी
जीवन के सूखे उपवन में ,वो आयी ,बहारें मुस्काई
एकाकीपन की पीर मिटी ,और सुधा प्रेम की सरसाई
जो स्वाति बूँद बन समा गयी ,इस ह्रदय सीप में मोती बन
वो पत्नी जिसने प्यार दिया ,कर दिया सार्थक ये जीवन
बिटिया
मेरी बगिया में खिली कली ,मुस्काई,बड़ी हुई ,महकी
खुशियों से घर आबाद हुआ ,वो चंचल,चपल सदा चहकी
फिर हुई पराई वो बेटी ,खुश रहती है ,मुस्काती है
अब भी पापा की फ़िक्र जिसे ,जी भर कर प्यार लुटाती है
अन्य महिलायें
कितनी ही महिलायें आयी ,भाभी,चाची,दादी,नानी
कुछ सहपाठिन,कुछ सखी मित्र ,कुछ पडोसने ,कुछ अनजानी
जितनी भी महिलायें जीवन में आयी सबको करें याद
जिससे भी थोडा प्यार मिला ,उस हर महिला का धन्यवाद
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
जितनी भी महिलायें जीवन में आयी ,सबको करें याद
जिससे भी थोडा प्यार मिला ,उस हर महिला का धन्यवाद
माँ
जिसने नौ महीने रखा कोख में ,पाला ,पोसा ,बड़ा किया
मेरे सुख ,दुःख का ख्याल रखा ,जिसके आँचल में दूध पिया
चलना सिखलाया ,थाम हाथ,जो ममता भरा हुआ सागर
उस जीवन दायिनी माता को ,शत शत प्रणाम ,मेरा सादर
बहने
हम साथ पले और बड़े हुए ,जिनके संग संग ,काटा बचपन
जिनकी राखी से बंध रहता ,जीवनभर प्यार भरा बंधन
भाई पर प्यार लुटाती जो ,उनकी निष्ठा के क्या कहने
है प्यार भरी और स्नेहशील ,मेरी प्यारी प्यारी बहने
पत्नी
जीवन के सूखे उपवन में ,वो आयी ,बहारें मुस्काई
एकाकीपन की पीर मिटी ,और सुधा प्रेम की सरसाई
जो स्वाति बूँद बन समा गयी ,इस ह्रदय सीप में मोती बन
वो पत्नी जिसने प्यार दिया ,कर दिया सार्थक ये जीवन
बिटिया
मेरी बगिया में खिली कली ,मुस्काई,बड़ी हुई ,महकी
खुशियों से घर आबाद हुआ ,वो चंचल,चपल सदा चहकी
फिर हुई पराई वो बेटी ,खुश रहती है ,मुस्काती है
अब भी पापा की फ़िक्र जिसे ,जी भर कर प्यार लुटाती है
अन्य महिलायें
कितनी ही महिलायें आयी ,भाभी,चाची,दादी,नानी
कुछ सहपाठिन,कुछ सखी मित्र ,कुछ पडोसने ,कुछ अनजानी
जितनी भी महिलायें जीवन में आयी सबको करें याद
जिससे भी थोडा प्यार मिला ,उस हर महिला का धन्यवाद
मदन मोहन बाहेती'घोटू'