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शनिवार, 20 अप्रैल 2013

सूरज,बादल और आज की राजनीति


      सूरज,बादल और  आज की राजनीति

जब सत्ता का सूरज उगता ,बादल  जैसे कितने ही दल
उसके आस पास मंडराते ,रंग बदलते  रहते  पल,पल
और सत्ता का समीकरण जब ,पूरा होता,सूरज बढ़ता
तो वह सर पर चढ़ जाता है,प्रखर चमकता,दिखला ,दृढ़ता
और जब ढलने को होता है ,बादल पुनः नज़र आते है
आड़े आते है सूरज के , रंग  बदलते   दिखलाते   है
आज देशकी राजनीती का ,परिवेक्ष है कुछ  ऐसा ही
छुटभैये कितने ही दल का ,है  चरित्र   बादल  जैसा ही

मदन मोहन बाहेती'घोटू'


बुधवार, 17 अप्रैल 2013

विवाह संस्कार

              विवाह संस्कार

बड़े प्यार से  पाला  पोसा ,बड़ी  हुई  तो  दान  कर  दिया
पहुँच पिया घर ,अपना तन मन,मैंने पति के नाम कर दिया 
कल तक मात पिता थे प्यारे ,और अब साजन ,बसे हुये मन
बचपन सारा, जहाँ गुजारा , लगे  पराया  सा वो    आँगन
केवल फेरे ,सात अगन के ,इतना   सब कुछ  कर देते है
देते छुड़ा ,  बाप माँ का घर  ,एक दूसरा   घर     देते   है
कुछ रीतों से , और मन्त्रों से ,जीवन भर का बंधन  बंधता
यह विवाह के ,संस्कार की ,कितनी सुन्दर ,धर्म व्यवस्था

घोटू 

सस्ता सोना -मंहगा सोना

       सस्ता सोना -मंहगा सोना

एक तरफ ये कहती सोना ,आजकल सस्ता हुआ ,
और दूजी तरफ कहती ,      नींद है आती   नहीं
तुमको भी अब लग गये  सब ,अमीरों के शौक है ,
सस्ती चीजें हो अगर तो ,वो पसंद   आती नहीं 
उसपे ,सोने से बदन को ,सजाने के वास्ते,
सोने के जिद पर  अड़ी हो,तुमको सोना चाहिये ,
मै जो सोने की कहूं तो ,नखरे दिखलाने लगो,
सोना जब तक ना दिला दूं ,पास तुम आती नहीं

घोटू 

सोमवार, 15 अप्रैल 2013

वरिष्ठ नागरिक संगठन

                 वरिष्ठ नागरिक संगठन

मिल के सब बूढ़े इकट्ठे हो गये  
इस बहाने हंसी ठट्ठे   हो  गये
ढलते सूरज में  चमक सी आ गयी ,
दांत तन्हाई के    खट्टे  हो गये
याद  कर बीती जवानी की उमर ,
सब के सब फिर जवां  पट्ठे हो गये
दूसरों की सुनी ,अपनी भी कही ,
रोज के सब दूर   रट्टे  हो  गये
एक से दुःख,दिक्कतें ,गम,एक ही ,
थैली के सब  ,चट्टे  बट्टे हो गये
लगे जब से खाने है  ताज़ी  हवा ,
देख लो ,सब हट्टे कट्टे हो गये
दही थे,मख्खन जवानी में गया ,
अब तो सेहतमंद  मठ्ठे  हो गये
खाने थे जो जवानी में खा लिये ,
'घोटू 'अब अंगूर  खट्टे हो   गये

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
 



रविवार, 14 अप्रैल 2013

पति पत्नी का रिश्ता

घोटू के छक्के
पति पत्नी का रिश्ता

कितनी ही होती रहे ,भले रार,तकरार
पति पत्नी के बीच में ,हरदम रहता प्यार
हरदम रहता प्यार ,पति पत्नी है ऐसे
जल संग मछली और बादल संग बिजली जैसे
कह 'घोटू'कविराय ,बड़ा ये रिश्ता पावन
एक दूसरे बिन ना सजते ,सजनी ,साजन
घोटू

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