हस्त शक्ति-दे भक्ति
श्री विष्णु ,जग के पालनहार
एकानन है,मगर भुजाएं चार
याने सर और हाथ का अनुपात
एक पर चार
श्री ब्रह्माजी
जिन्होंने ये सृष्टि रची
चतुरानन है,और भुजाएं भी चार
याने सर और हाथ का अनुपात
एक पर एक
और भगवान् शंकर
हर्ता है जो हरिहर
एकानन है और भुजाये है दो
याने सर और हाथ का अनुपात
एक पर दो
रावण,लंका का स्वामी
बुद्धिमान पर अभिमानी
उसके थे दस सर और भुजाएं बीस
याने सर और हाथ का अनुपात
एक पर दो
लक्ष्मी और सरस्वती माता
धन और बुद्धि की दाता
दोनों के एक एक आनन और चार भुजाएं
याने सर और हाथ का अनुपात
एक पर चार
श्री दुर्गा या काली माँ का स्वरूप
शक्ति का साक्षात् रूप
एक आनन पर अष्ट भुजाधारी
याने सर और हाथ का अनुपात
एक पर आठ
यदि उपरोक्त आंकड़ों पर आप गौर फरमाएंगे
तो सांख्यिकी के नियम अनुसार ,ये पायेंगे
कि प्रति सर सबसे ज्यादा हस्त शक्ति
देवी दुर्गा या काली माँ है रखती
जिसका अनुपात
है एक पर आठ
उसके बाद,विष्णु,लक्ष्मी और सरस्वती माता है
जिनका एक पर चार का अनुपात आता है
और क्योंकि हाथों से ही,
उपकार और आशीर्वाद दिए जाते है
इसीलिये ये ज्यादा हाथों के,
औसत वाले ,पूजे जाते है
और सबसे कम औसत पर,
एक सर पर एक हाथवाले ब्रह्माजी आते है
इसीलिए वो सबसे कम पूजे जाते है
और उनके मंदिर ,एक दो जगह ही दिखलाते है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
1441
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*माहिया- **रश्मि विभा त्रिपाठी*
* 1 **खोलो मोखे मन के*
*धूप मुहब्बत की*
*आने दो छन- छनके।*
* 2 **दरवाज़ा खड़का है*
*शायद वो आए*
*मेरा दिल धड़का है।*...
13 घंटे पहले