एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

शुक्रवार, 9 मार्च 2012

आओ हम होली मनाये

आओ हम होली मनाये

मेट कर मन की कलुषता,प्यार की गंगा बहाये

                        आओ हम होली  मनाये
अहम् का  जब हिरनकश्यप,प्रबल हो उत्पात करता
सत्य का प्रहलाद उसकी कोशिशों से नहीं मरता
और ईर्ष्या, होलिका सी,गोद में   प्रहलाद लेकर
चाहती उसको जलाना,मगर जाती है स्वयं  जल
शाश्वत सच ,ये कथा है,सत्य कल थी,आज भी है
लाख कोशिश असुर कर ले,जीतता प्रहलाद  ही है
सत्य की इस जीत की आल्हाद को ऐसे मनाये
द्वेष सारा,क्लेश सारा, होलिका में हम जलायें
भीग जायें, तर बतर हो ,रंग में अनुराग के हम
मस्तियों में डूब जाये, गीत गायें ,फाग के हम
प्यार की फसलें उगा,नव अन्न को हम भून खायें
हाथ में गुलाल  लेकर ,एक दूजे   को     लगायें
गले मिल कर,हँसे खिलकर,ख़ुशी के हम गीत गाये
                                आओ हम होली मनाये

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

गुरुवार, 8 मार्च 2012

Re: चुनाव के बाद - नारी दिवस

Rang Barse........! Holi hai!

On March 7, 2012 8:50:09 PM PST, madan mohan baheti wrote:

चुनाव के बाद

        तुम संग कैसे खेले होली
         तुम हो नार बड़ी बडबोली
नारी दिवस पर दुखिया  नारी
मायावती    बहन      बेचारी
अब  तक बहुत करी बरजोरी
जनता ऐसी बांह मरोरी
हार चुनाव,कट गया पत्ता
और हाथ से छूटी  सत्ता
दुखी दूसरी नार सोनिया
बेटे हित सपने थे क्या क्या
सपने सारे  टूट गए पर
सारी मेहनत रही बेअसर
भ्रष्टाचार,नकारी ,जनता
 दोष संगठन का भी  बनता 
और तीसरी उमा भारती
बी जे पी भी गयी  हारती
उसका जादू काम न आया
खिला  कमल ना,पर कुम्हलाया
साईकिल ने पेडल मारे
हाथी,हाथ,कमल सब हारे
तीनो नार आज बेबस है
भले नारी का आज दिवस है
कोई नहीं आज हमजोली
जनता खेली ऐसी  होली

मदन मोहन बाहेती'घोटू'



'अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस..'

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर..कुछ पंक्तियाँ.. ... "नारी का शोषण ना थम सकेगा कभी.. प्रयत्न करके देखलो सभी.. जो पाना है स्वयं को लक्ष्य.. निर्धारित हो जीवन का भक्ष्य.. करो सुशोभित अंतर्मन-ताज.. हर ह्रदय करे नमन-राज.. आती नहीं सुबह यूँ ही.. लाती सन्देश यही.. जिसने पहचाना मूल्य.. है वही परमात्मा तुल्य..!!" ... --प्रियंकाभिलाषी .. ८ मार्च, २०१२..

बुधवार, 7 मार्च 2012

नारी दिवस और होली-8 th march

         नारी दिवस और होली

        आज नारी दिवस भी है,
         होलिका त्योंहार भी है
पर्व कल था जो दहन का
आस्थाओं के दमन का
कुटिलता के नाश का दिन
भक्ति के  विश्वास का दिन
         शक्ति के उस परिक्षण में
         जीत भी है ,हार भी है
         आज नारी दिवस भी है,
          होलिका त्योंहार भी है
  आग  भी है, फाग भी है
जलन है  अनुराग भी है
दाह भी है,  डाह भी है
चाह भी है, आह भी है  
          अजब है संयोग देखो,
          प्यार है,प्रतिकार भी है
          आज नारी दिवस भी है,
           होलिका त्योंहार भी है
आज उत्सव है मदन का
पर्व है ये  मधु मिलन का
प्रीत का,मनमीत का दिन
मचलते  संगीत का दिन
         आज रंगों में बरसता,
          प्यार है,मनुहार भी है
         आज नारी दिवस भी है,
          होलिका  त्योंहार भी है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

चुनाव का चक्कर-जनता का उत्तर


चुनाव का चक्कर-जनता का उत्तर
                      १
पांच साल से हो रहा,था 'हाथी' मदमस्त
दो पहियों की 'सायकिल',उसे कर गयी पस्त
उसे कर गयी पस्त,'कमल' भी है कुम्हलाया
गाँव गाँव में हिला 'हाथ',पर काम न आया
कह घोटू कवि,अब सत्ता हो गयी 'मुलायम'
ख़तम हो गया,'माया' की माया का सब भ्रम
                       २
बहुजन हो या सर्वजन,कुछ भी दे दो नाम
चाल समझती है सभी,मूरख नहीं अवाम
मूरख नहीं अवाम,परख है बुरे भले की
सारा भ्रष्टाचार, बन गया फांस  गले की
सत्ता के मद में माया इतनी पगलायी
खुद के पुतले बना,बन गयी  पुतली बाई

मदन मोहन बाहेती'घोटू' 

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-