गुड़ और गुलगुले
कहते है खाने के बाद
गुड़ की एक डली,
खाई जाय ,लेकर के स्वाद
तो वो पाचन क्रिया में सहयोग देती है
और शक्कर कम खानी चाहिए,
क्योंकि वो रोग देती है
मैं डाइबिटीज का मरीज ,
अक्सर जाता हूँ खीज
जब लोग देते है उपदेश
गुड़ खाओ पर गुलगुलों से रखो परहेज
अरे हमारे रोज के खाने में ,
आटा भी होता है ,घी भी होता है
और ऊपर से गुड़ खालो तो चलता है
पर इन्ही तीन चीजों से तो गुलगुला बनता है
गुड़ के पानी में आटा घोल कर,जब जाता है तला
तो बनता है गुलगुला
तो फिर मेरी समझ में ये नहीं आता है
गुड़ खाने की मनाही नहीं है ,
प र गुलगुले से परहेज किया जाता है
इसके जबाब में किसी ने समझाया
शहद गुणकारी है,अगर जाय खाया
और घी खाने से बढ़ जाता बल है
पर शहद और घी ,बराबर मात्रा में मिल जाय ,
तो बन जाता घोर हलाहल है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
कहते है खाने के बाद
गुड़ की एक डली,
खाई जाय ,लेकर के स्वाद
तो वो पाचन क्रिया में सहयोग देती है
और शक्कर कम खानी चाहिए,
क्योंकि वो रोग देती है
मैं डाइबिटीज का मरीज ,
अक्सर जाता हूँ खीज
जब लोग देते है उपदेश
गुड़ खाओ पर गुलगुलों से रखो परहेज
अरे हमारे रोज के खाने में ,
आटा भी होता है ,घी भी होता है
और ऊपर से गुड़ खालो तो चलता है
पर इन्ही तीन चीजों से तो गुलगुला बनता है
गुड़ के पानी में आटा घोल कर,जब जाता है तला
तो बनता है गुलगुला
तो फिर मेरी समझ में ये नहीं आता है
गुड़ खाने की मनाही नहीं है ,
प र गुलगुले से परहेज किया जाता है
इसके जबाब में किसी ने समझाया
शहद गुणकारी है,अगर जाय खाया
और घी खाने से बढ़ जाता बल है
पर शहद और घी ,बराबर मात्रा में मिल जाय ,
तो बन जाता घोर हलाहल है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'