एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

रविवार, 27 सितंबर 2020

साफ़ करो दिल दीवाली में

नफरत की जो कंगाली है ,उसे बदल दो खुशहाली में
घर तो सभी साफ़ करते तुम,साफ़ करो दिल दीवाली में

अगर किसी के लिए बैर का ,मन में कचरा भरा हुआ है
अगर किसी से नाराजी है ,दिल का रिश्ता मरा  हुआ है
तो लो  प्रेमभाव की  झाड़ू , और बुराइयाँ   सभी बुहारो    
अपने  मन को  निर्मल कर दो,क्षमा भाव से उसे संवारो
मुस्कानो के फूल बिखेरो , मुंह गंदा न करो   गाली में
घर तो सभी साफ़ करते तुम,साफ़ करो दिल दीवाली में

स्नेहभाव की अगर सफेदी ,पोतोगे ,मन चमक जाएगा
दिवाली पर ,दीप प्यार का ,रोशन करना ,झिमिलायेगा
मित्रभाव के खील पताशे ,चढ़ा लक्ष्मी  पूजन करना
मीठी बोली भरी चाशनी ,का प्रशाद भी अर्पण करना
लक्ष्मी माँ ,सुख के सिक्कों की ,वर्षा कर देगी थाली में
घर तो सभी साफ़ करते तुम साफ़ करो दिल दीवाली में

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-