एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

मंगलवार, 10 दिसंबर 2019

प्यार करो तुम 'स्टाइल 'से


इश्क़ नहीं आसान जरा भी ,

ये तो है एक आग का दरिया

इसमें डूबो ,तब जानोगे ,

तकलीफें होती है क्या क्या

मुश्किल बहुत पटाना लड़की ,

कई बेलने पड़ते पापड़

उसके  घर के और गलियों के ,

कई लगाने पड़ते चक्कर

अपनी चाह प्रकट करने का

कोई खोजना होगा रस्ता

,प्रेम प्रदर्शन करना होगा ,

लेकिन आहिस्ताआहिस्ता

उसके मन को मोहित करने ,

के उपाय अपनाने होंगे

प्रेम नीर से सींचों उपवन  

तब ही पुष्प सुहाने होंगे

कई जतन करने पड़ते है ,

यार मिला करता मुश्किल से

इसीलिये यदि प्यार करो तो ,

प्यार करो तुम स्टाइल से


लड़की होती है शरमीली ,

धीरे धीरे हाथ आएगी  

जल्दी जल्दी अगर करोगे ,

तो वो शायद भड़क जायेगी

जैसी तड़फ तुम्हारे दिल में ,

उतनी उसमे भी जगने दो

थोड़ी थोड़ी आग मिलन की

उसके दिल में भी लगने दो

उसका हृदय जीतना होगा ,

धीरे धीरे ,नहीं एकदम

मत बरसो घनघोर घटा से ,

बरसो तुम सावन से रिमझिम

अगर प्यार के मीठे फल का ,

सच्चा स्वाद तुम्हे है चखना

तो फिर उसके पक जाने तक ,

तुम्हे पड़ेगा धीरज रखना

समय लगेगा ,किन्तु लगेगी ,

तुम्हे चाहने ,सच्चे दिल से

इसीलिये यदि प्यार करो तो ,

प्यार करो तुम स्टाइल से


टाइम लगता ,आसानी से ,

नहीं कोई लड़की पटती है

उसके मन की झिझक हमेशा ,

धीरे धीरे ही घटती है

तुम्हे प्रतीक्षा करनी होगी ,

झटपट की मत करना गलती

तुम उतावले हो जाते हो ,

वो न पिघलती इतनी जल्दी

दे उपहार ,उसे बहलाओ ,

उसकी जुल्फों को सहलाओ

दिल में घुसो ,नयन द्वारे से ,

'आई लव यू 'उससे कहलाओ

इतनी मन में आग लगा दो ,

कि वह भी हो जाय दीवानी

मिलन प्रेमियों का हो जाए ,

हो सुखांत यह प्रेमकहानी

लाये दिवाली फिर जीवन में ,

प्रेम दीप ,अपनी झिलमिल से

अगर प्यार करना है तुमको ,

प्यार करो तुम स्टाइल से


मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

 

,

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-