ह्रदय निर्मल ,शुद्ध यदि जो भावना है
सफलता की पूर्ण तब सम्भावना है
खोट यदि ना जो तुम्हारे प्यार में हैं
कलुषता कोई नहीं आचार में है
किसी का कोई बुरा सोचा नहीं है
तुम्हारा व्यवहार भी ओछा नहीं है
मानसिकता में नहीं संकीर्णता है
विचारों में यदि इन जो जीर्णता है
प्रयासों में तुम्हारे , सच्ची लगन है
सादगी है सोच में ,निःस्वार्थ मन है
लाख विपदाएं तुम्हारी राह रोके
लोग कितना ही सताएं और टोके
चाँद सूरज ,खुद करेंगे ,पथ प्रदर्शित
करोगे तुम ,कीर्ती और यश सदा अर्जित
प्रगति का पथ ,तुम्हारे ही हित बना है
सफलता की पूर्ण तब सम्भावना है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
सुन्दर रचना
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