शिकायत
बड़ी बड़ी दावतों में जाना
और जम कर पीना,खाना
तरह तरह के पकवानों का,
लेते लेते स्वाद
आदमी इतना डट कर खा लेता है,
कि खाने पीने के बाद
डकारें लेता है,पेट सहलाता है
घर आते ही बिस्तर पर,
गिरता ,सो जाता है
ये सच है,दावत खाने के बाद,
आदमी किसी भी काम का नहीं रह जाता है
मदन मोहन बहेती'घोटू'
सत्य
-
सत्य पाया नहीं जा सकता इसे पहचानना है महसूस भर करना है जो अस्तित्व में
उपस्थित है इसे उजागर भर होना है नया नहीं है सत्यअनादि अस्तित्व है जागरूक
होना ह...
11 घंटे पहले