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गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025

टेंशन 


मेरे घर में टेंशन का कुछ काम नहीं

क्योंकि टेंशन है तो फिर आराम नहीं

इसके लिए अटेंशन देना पड़ता है

बात-बात पर ब्लड प्रेशर ना बढ़ता है

छोटी बातें सहज सुलझ जो सकती है

इस जीवन में बड़ी अहमियत रखती है

उनका करो निदान इसलिए जल्दी से 

हट जाएगी परेशानियां सब जी से 

अगर सवेरे आए नहीं काम वाली 

परेशान हो मत दो उसको तुम गाली

परेशानियों को तुम दोगे यूं ही भगा 

क्या होगा जो एक दिन पोंछा नहीं लगा

फोन करो स्वीगी को खाना मंगवा लो

मनपसंद खाना होटल का तुम खा लो

पढ़ने में यदि लगता ना मन बच्चों का

तुम टेंशन जो लोगे इससे क्या होगा 

उनको इंसेंटिव दो आगे बढ़ने का 

शौक उन्हें लग जाए जिससे पढ़ने का

दोस्त तुम्हारे होंगे और कुछ दुश्मन भी

कभी किसी से होगी थोड़ी अनबन भी 

कोई हो नाराज खफा तुमसे काफी

होकर निसंकोच मांग लो तुम माफी 

एक तुम्हारा शब्द सिर्फ सॉरी कहना 

दूर तुम्हें कर देगा टेंशन से रहना

परेशानियां सुख-दुख आते जाते हैं 

लोग व्यर्थ ही टेंशन से घबराते हैं 

लेते यूं ही बहाना टेंशन करने का 

जैसे पत्नी को टेंशन है मरने का 

अगर मैं गई पहले टेंशन यह भारी

देखभाल फिर कौन करेगा तुम्हारी 

 तुम जो पहले गए टेंशन यह होगा

 मैं पड़ जाऊं अकेली मेरा क्या होगा 

जो भी होनी है तो होगी निश्चय है 

तो फिर व्यर्थ तुम्हारे मन में क्यों भय है

चार दिनों का पाया हमने यह जीवन

उसमें भी यदि रहे पालते हम टेंशन 

नहीं काटना यह जीवन है रो रो कर

इसीलिए बस हंसो जियो तुम खुश होकर

अगर नहीं जो सर पर पालोगे टेंशन 

नहीं मिलेगा तुम्हें उम्र का एक्सटेंशन

मानो मेरी बात, नजरिया तुम बदलो 

जीना है जो लंबा ,तो टेंशन मत लो


मदन मोहन बाहेती घोटू 

मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025

प्रार्थना 

हे प्रभु दीन बंधु हो तुम तो 
और दीनों के नाथ हो 
अपने भक्तों के सुख-दुख में 
सदा निभाते साथ हो
 जय जय जय जय जय गिरधारी 
हर लो मेरी विपदा सारी 

परमात्मा हो तुम परमेश्वर 
और तुम ही अखिलेश हो 
आदिकाल से पूजे जाते
 ब्रह्मा विष्णु महेश हो 
भाग्यवान है वे सब जिनके 
सर पर तुम्हारा हाथ हो 
 हे प्रभु दीन बंधु हो तुम तो  
और दीनों के नाथ हो 
जय जय जय जय जय त्रिपुरारी 
 हर लो मेरी विपदा सारी 

जबभी जिसने सच्चे दिल से 
दुख में तुम्हें पुकारा है 
उसकी सारी विपदा हर कर 
तुमने दिया सहारा है 
उसके कष्ट निवारण करके 
करी प्रेम बरसात हो 
हे प्रभु दीन बंधु हो तुम तो 
और दीनों के नाथ हो 
जय जय चक्र सुदर्शन धारी
हर लो मेरी विपदा सारी 

जब-जब पाप बढ़ा धरती पर 
फैला अत्याचार हुआ 
तब तब दुष्ट हनन करने को 
तुम्हारा अवतार हुआ 
तुमने शांति, धर्म फैलाया 
दूर किया उत्पात हो 
हे प्रभु दीन बंधु हो तुम तो 
और दीनों के नाथ हो 
जय जय रामचंद्र अवतारी 
हर लो मेरी विपदा सारी 

कभी राम बनकर तुम जन्में 
रावण का संहार किया 
कभी कृष्ण बन लीलाधारी 
दुष्ट कंस का को मार दिया 
कभी प्रकट नरसिंह रूप में
 बचा लिया प्रहलाद हो 
हे प्रभु तुम तो दीनबंधु हो 
और दीनों के नाथ हो 
जय जय जय जय कृष्ण मुरारी 
हर लो मेरी विपदा सारी 

कभी मोहनी रूप लिया 
और देवों में अमृत बांटा 
धोखे से जो आए पीने 
राहु केतु का सिर काटा 
भस्मासुर को भस्म कराया 
रख सर खुद का हाथ हो 
हे प्रभु दीन बंधु हो तुम तो
और दीनों के नाथ हो 
जय जय जय भोले भंडारी
हर लो मेरी विपदा सारी 

विपुल संपदा के दाता तुम 
सबके भाग्य विधाता हो 
उसे कमी क्या,जिसकी पत्नी 
स्वयं लक्ष्मी माता हो 
मुझको दो धन-धान्य 
तुम्हारा भजन करूं दिन रात हो
 हे प्रभु दिन बंधु हो तुम तो 
और दीनों के नाथ हो
मैं हूं आया शरण तिहारी 
हर लो मेरी विपदा सारी 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025

रावण की पीड़ा 


कल रावण मेरे सपने में आया 

परेशान था और झल्लाया 

बोले में रावण हूं 

दुनिया में नंबर वन हूं 

मेरे पास अतुलित दौलत है 

बाहुबली हूं ,मुझ में ताकत है 

कोई मुझसे मेरे हथियारों के कारण डरता है 

कोई मुझसे मेरे स्वर्ण भंडारों के कारण डरता है 

मेरे वर्चस्व को सब मानते हैं 

और जो नहीं मानते मेरी, वे बैर ठानते हैं मैं उन्हें तरह-तरह से करता हूं प्रताड़ित 

अपनी पूरी शक्ति से करता हूं दंडित 

फिर भी कुछ राम और हनुमान 

मेरी धमकियों पर नहीं देते हैं ध्यान 

मेरी बातों को करते हैं अनसुना 

मैं उन पर टैरिफ लगा देता हूं चौगुना लोग कहते हैं अपने अहम के बहम में पगला गया हूं 

पर कुछ दोस्त मेरी बात नहीं सुनते,

 मैं उनसे तंग आ गया हूं 

उनके देश में गांव-गांव और शहरों में हर साल 

मेरे पुतले जलाकर मनाया जाता है दशहरे का त्यौहार 

देखो कैसा अमानवीय है उनका व्यवहार पिछले कई सालों से नहीं है यातना भुगतता चला आ रहा हूं 

प्रतिशोध की आग में जला जा रहा हूं फिर भी मौन और शांत हूं ,

ना कोई बदला है ना प्रतिकार 

अब आप ही बतलाइए ,क्या मैं नहीं हूं शांति के नोबेल प्राइज का हकदार 

कई देशों के बीच हो रही थी लड़ाई 

मैंने  अपने रुदबे से रुकवाई 

तो क्या यह नहीं है जाईज 

कि मुझे दिया जाए शांति का नोबेल प्राइज 

अगर लोग मेरी बात नहीं मानेंगे

 मेरे वर्चस्व को नहीं जानेंगे 

मैं दुनिया में उथल-पुथल मचा दूंगा

जब तक मुझे शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं मिल जाएगा मैं किसी को शांति से जीने नहीं दूंगा 

और शांत नहीं बैठूंगा


मदन मोहन बाहेती घोटू

गुरुवार, 25 सितंबर 2025

कुकुर अभिनंदन 

मैंने एक कुत्ते से पूछा 
हे पशु श्रेष्ठ 
पालतू जानवरों की श्रेणी में तुम हो बेस्ट तुम्हारे चाहने वाले तुम्हें इतना प्यार करते हैं 
कि अपनी पत्नी को खुला छोड़ देते हैं पर तुम्हारे गले में पट्टा बांधकर रखते हैं यह पट्टा नहीं, उनके प्यार का बंधन है तुम्हारा अभिनंदन है 

हे अनजान आगंतुकों को देखकर भौंकने वाले पशुवर 
आप रहते हैं जिस घर पर 
वहां जाने में सबको लगता है डर मेजबान को 
मेहमानो को घर के द्वार तक 
लेने और विदा करने स्वयं जाना पड़ता है ना चाहते हुए भी इस औपचारिकता को निभाना पड़ता है 

 हे दुम हिलाते कुकुर भाई 
तुमने भी क्या किस्मत है पाई 
बड़े-बड़े सुंदर बंगले में रहते हो तुम 
रोज सवेरे तुम्हें घूमाते साहब मैडम 
तुम प्राणी हो स्वेच्छाचारी
उनके बेडरूम तक सीधी पहुंच तुम्हारी गोरी गोरी सुंदर मांसल
 मेमों साहबों की गोदी का 
निर्मल सुख तुम नित पाते हो 
उनके साथ बड़ी कारों में सदा घूमने तुम जाते हो 
तुम हरदम चौकन्ने रहते 
तुम्हारी तीखी सी नजरें 
करती घर की देखभाल है 
और तुम्हारी स्वामी भक्ति बेमिसाल है 

हे प्यारे कुकुर महोदय 
तुम्हें देखकर सबको ही लगता है भय जब खुल्ले में रहते हो सामान्य पशु बन बड़ी शान से गली मोहल्ले में चलता तुम्हारा शासन 
तुम्हारा काटा पानी भी नहीं मांगता 
उसे लगाने पड़ते हैं चौदह इंजेक्शन 

हे कुत्ते जी
साथ गली में जब मिलजुल कर 
शोर मचाते हो तुम तीखा 
ऐसा लगता तुम तो गुरु हो नेताओं के 
संसद और विधानसभा में 
शोर मचाना और चिल्लाना तुमसे सीखा 
इसीलिए जब न्यायालय ने 
तुम्हारे हल्ले और हमले के कारण 
तुम्हें जेल में भिजवाने का आदेश सुनाया तुम्हारे प्यारे चेले इन नेताओं ने 
तुम्हें बचाया 
करो शुक्रिया इनका 
इनने निज कर्तव्य निभाया 

हे श्वान सुज्ञानी 
बात पुरानी है लेकिन है जानी-मानी साथ युधिष्ठिर गए स्वर्ग थे तुम विमान मे, तुम दुनिया के पहले पशु प्राणी 
रूस देश ने पहला जीव
अंतरिक्ष में जो भेजा था 
तुम्हारी फीमेल नस्ल थी 
और उसका था नाम लाइका 
देशभक्ति में और सेना में 
कद्र तुम्हारी की जाती है
 तुम्हारी सूंघने की शक्ति 
 बदमाशों को पकड़वाती है 
सच श्वान जी तुम महान हो 
इस धरती की बड़ी शान हो 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

रविवार, 21 सितंबर 2025

हम जन्मदिन मनाएं 

जीवन के बचे कुछ दिन 
चल रहा प्रहर अंतिम 
सर पर सफेदी छाई 
देता है कम दिखाई 
सुनते हैं थोड़ा ऊंचा 
जर्जर है तन समूचा 
हालात दिल की खस्ता
 हाथों में ले गुलदस्ता 
क्यों ना मिठाई खाएं 
हम जन्मदिन मनाएं 

थोड़ा बचा है ईंधन 
गाड़ी चलेगी कुछ दिन 
फिर भी रहें चलाते 
और रह कर मुस्कुराते 
हम केक भी काटेंगे 
और सबको ही बाटेंगे 
जब तक है जिंदा थोड़े 
जिंदादिली ना छोड़े 
सबको गले लगाएं 
हम जन्मदिन मनाएं 

जीवन की आपाधापी 
कर लिया काम काफी 
मस्ती का आया मौसम 
आराम कर रहे हम 
आए हैं ऐसे दिन अब
 अपनी कमाई दौलत 
अपने पर करें खर्चा 
चारों तरफ हो चर्चा 
खुशियों के नाच गाएं 
हम जन्मदिन मनाएं 

यारों के साथ मिलके  
करें शौक पूरे दिल के 
रंगीन यह खुदाई 
ईश्वर ने है बनाई 
दुनिया की सैर कर ले 
खुशियों का ढेर भर ले 
अरमान सब अधूरे 
जल्दी से कर ले पूरे 
मस्ती से पियें खायें 
हम जन्मदिन मनायें 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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