धोबी का गधा
हमेशा ही लदा रहता है डाले पीठ पर बोझा ,
कोई भी ढंग से उसको खिलाता है नहीं चारा
बहुत गुस्सा हो जाता, लोटने धूल में लगता,
रेंक कर दर्द दिल का वो, बयां करता है तब सारा
कोई कहता इधर जाओ ,कोई कहता उधर जाओ,
बहुत चक्कर लगा करके, हमेशा वो थका हारा
अगर कंफ्यूजड हो मालिक,बड़ी ही मुश्किल होती है
न घर ना घाट का रहता, गधा धोबी का बेचारा
घोटू