मैं बेवकूफ हूँ
ढाल न पाता खुद को सबके अनुरूप हूँ
सब कहते ,अव्वल दर्जे का बेवकूफ हूँ
मेरे अंदर छुपा हुआ कोई चोर नहीं है
मन में कुछ है और मुख में कुछ और नहीं है
लोगों की हाँ में हाँ नहीं मिला पाता हूँ
इसीलिए मैं थोड़ा मुंहफट कहलाता हूँ
चाटुकारिता ,चमचागिरी नहीं आती है
लोग दूर रहते है ,मेरे कम साथी है
गलत काम को देख ,बैठता नाहीं चुप हूँ
सब कहते अव्वल दर्जे का बेवकूफ हूँ
ये सच है ,दुनियादारी मुझको ना आती
मख्खनबाजी करने से तबियत घबराती
सच कहता तो कड़वी लगती ,मेरी बातें
इसीलिए ,झूठें ,लम्फट मुझसे घबराते
मेरी यह स्पष्टवादिता ,दुश्मन मेरी
ना आती है करना चुगली हेरा फेरी
मुंह देखी ना ,खरी बात का मैं स्वरूप हूँ
सब कहते ,अव्वल दर्जे का बेवकूफ हूँ
मदनमोहन बाहेती ;घोटू '
ढाल न पाता खुद को सबके अनुरूप हूँ
सब कहते ,अव्वल दर्जे का बेवकूफ हूँ
मेरे अंदर छुपा हुआ कोई चोर नहीं है
मन में कुछ है और मुख में कुछ और नहीं है
लोगों की हाँ में हाँ नहीं मिला पाता हूँ
इसीलिए मैं थोड़ा मुंहफट कहलाता हूँ
चाटुकारिता ,चमचागिरी नहीं आती है
लोग दूर रहते है ,मेरे कम साथी है
गलत काम को देख ,बैठता नाहीं चुप हूँ
सब कहते अव्वल दर्जे का बेवकूफ हूँ
ये सच है ,दुनियादारी मुझको ना आती
मख्खनबाजी करने से तबियत घबराती
सच कहता तो कड़वी लगती ,मेरी बातें
इसीलिए ,झूठें ,लम्फट मुझसे घबराते
मेरी यह स्पष्टवादिता ,दुश्मन मेरी
ना आती है करना चुगली हेरा फेरी
मुंह देखी ना ,खरी बात का मैं स्वरूप हूँ
सब कहते ,अव्वल दर्जे का बेवकूफ हूँ
मदनमोहन बाहेती ;घोटू '