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शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2019

परिवर्तन

चहचहाती थी कभी जो  एक चिड़ी सी
आजकल रहने लगी है  चिड़चिड़ी सी
वो  बड़े दिल  की    बड़ी बातें सुहानी ,
हो गयी उनमे कहीं कुछ गड़बड़ी सी

करती थी जो प्यार का हरदम प्रदर्शन
हुए दुर्लभ आजकल उनके है  दर्शन
बरसती थी प्यार की जो सदा बदली
आजकल आती नज़र है बदली बदली
फूल खिलते ,हंसती जब थी फूलझड़ी सी
लगाती शिकायतों की अब झड़ी सी
चहचहाती थी कभी जो  एक चिड़ी सी
आजकल रहने लगी है  चिड़चिड़ी सी

ख़ुशी से थी खिलखिलाती जो हसीना
हुई मुद्दत ,कभी खुलकर वो हंसी  ना
किया करती ,हमें घायल ,नज़र जिसकी
लग गयी उस पर न जाने नज़र किसकी
बदन जिसका श्वेत ,थी संगमरमरी सी
उसकी आभा लगती है अब कुछ मरी सी
चहचहाती थी कभी  जो एक चिड़ी सी
आजकल रहने लगी है चिड़चिड़ी  सी

जो हमारे हृदय पर थी राज करती
आजकल है हमसे वो नाराज लगती
कभी कोमल कली सा था जो मृदुल तन
समय के संग , आ गया है  परिवर्तन
हम पे ताने मारती है वो तनी  सी ,
उखड़ी  उखड़ी दूर रहती है खड़ी सी
चहचहाती थी कभी जो एक चिड़ी सी
हो गयी है आजकल वो चिड़चिड़ी सी


मदन मोहन बाहेती 'घोटू ' 
डांडिया पर्व -एक अनुभूति

जब हम छोटे बच्चे होते है
बड़े निश्छल और निर्विकार भाव से ,
कभी हँसते है ,कभी रोते  है
हर किसी से मुस्करा कर दोस्ती कर लेते है
दांतों पर  अंगूठा लगा ,कट्टी कर लेते है
उंगली से उंगली मिला बट्टी कर लेते है
पर बड़े होने पर ,स्वार्थ और लालच में ,
इतने ज्यादा सन जाते है
कि भाई भाई भी ,एक दुसरे के ,
दुश्मन बन जाते है
वैसे ही ये छोटे छोटे डांडिये
जिनको अपने हाथों में लिये ,
 हम किया करते  रास है
मन में ख़ुशी और उल्लास है
पर ये ही डांडिये बड़े होने पर लट्ठ बन जाएंगे
लड़ाई और झगड़े में आपस में टकराएंगे
किसी के हाथ पाँव तोड़ेगे
किसी का सर फोड़ेंगे
शोर शराबा करेंगे
खून खराबा करेंगे
बन जाएंगे एक दुसरे के दुश्मन
बतलाओ क्या अच्छा है ,
लड़ने भिड़ने वाला बड़ापन
या प्यार फैलता हुआ बचपन ?

घोटू 

मंगलवार, 1 अक्टूबर 2019

'From Ms. Reem'?..

My name is Reem E. Al-Hashimi, the Emirates Minister of State and Managing Director for the United Arab Emirates (Dubai) World Expo 2020 Committee. I am writing you to stand as my partner to receive my share of gratification from foreign companies whom I helped during the bidding exercise towards the Dubai World Expo 2020 Committee.
As a married Arab women serving as a minister, there is a limit to my personal income and investment level. For this reason, I cannot receive such a huge sum back to my country, so an agreement was reached with the foreign companies to direct the gratifications to an open beneficiary account with a financial institution where it will be possible for me to instruct further transfer of the fund to a third party account for investment purpose which is the reason i contacted you to receive the fund as my partner for investment in your country.
The amount is valued at $47,745,533.00 United States dollars with a financial institution waiting my instruction for further transfer to a destination account as soon as I have your information indicating interest to receive and invest the fund.I will compensate you with 30% of the total amount and you will also get benefit from the investment.
If you can handle the fund in a good investment, get back to me for more details on this email; ( sm9546729@gmail.com  )
Sincerely,
Ms. Reem.
 
 

रविवार, 29 सितंबर 2019

चस्का चुनाव का

एक नवधनाढ्य से ,जब सम्भल नहीं पायी उसकी माया
तो उसे चुनाव लड़ कर नेता बनने का शौक चर्राया
वो मेरे पास आया
और बोला ,मैं अपनी जयजयकार सदा देखना चाहता हूँ
खुद को फूलों की मालाओं से लदा देखना चाहता हूँ
इसलिए मन कर रहा है नेता बनू और चुनाव  लड़ूँ
आप बताइये कौनसी पार्टी ज्वाइन करूँ
मैंने कहा कई पार्टियों के प्रमुख होते है बड़े विकट
करोड़ों में बेचते है चुनाव का टिकिट
तुम उनके चक्कर में मत  पड़ो
इससे बेहतर है कि इंडिपेंडेंट चुनाव लड़ो  
कई बार चुनाव के बाद नतीजों की ऐसी स्तिथि आती है
जब किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता,
तब इंडिपेंडेंट केंडिडेट की वेल्यू बहुत बढ़ जाती है
ऐसे में उसके भाग्य  का कमल ऐसा खिलता है
कि धन के साथ साथ ,उसे मंत्री पद भी मिलता है
वो ललचाया और बोलै ठीक है मैं इंडिपेंडेंट चुनाव लडूंगा
पर इस राह पर आगे कैसे बढूंगा
हमने कहा  इसके लिए आपको ,सबको सर झुका कर ,
प्रणाम करने की आदत डालनी होगी
और अपना गुणगान करनेवाले चमचों की
एक फ़ौज पालनी होगी
गरीब जनता के वोट पाने के लिए उन्हें लुभाना पड़ता है
पैसा और दारू ,पानी की तरह बहाना पड़ता है
पर ये काम आसान नहीं है ,
अन्य पार्टियों की नज़र से बचना पड़ता है
और जब आचार संहिता लग जाती है ,
तो बहुत संभल कर चलना पड़ता है
आप अपने चमचों से अलग अलग संस्थाएं
जैसे ' महिला उत्थान समिति 'बनवाये
और उनसे 'मातृशक्ति महिमा मंडन 'जैसे ,
समारोहों का आयोजन करवाए
अपने आपको ऐसे समारोहों का मुख्य अतिथि बनवाएं
और वो आपके हाथों हर महिला को ,
साडी ,सिलाई मशीन या अन्य गृह उपयोगी
उपकरण भेंट करवाये  
इसीतरह युवा विकास केंद्र 'स्थापित करवा ,
युवाओं को टेबलेट लेपटॉप का आपके हाथों वितरण होगा
और आपका प्रभावशाली भाषण होगा
वरिष्ठ नागरिक सेवा केंद्र '
सीनियर सिटिज़न सन्मान समारोह का आयोजन करवा
आपके हाथों बुजुर्गों को शाल अर्पित करवाएंगे
और आपके वोट सुनिश्चित हो जाएंगे  
इसमें पैसा तो आपका लगेगा पर कोई और दिखायेगा खर्चा
मुख्य अतिथि के रूप में आपका होगा चर्चा
लोग आपको पहचानने लग जाएंगे
और जब ये इन्वेस्टमेंट वोट में परिवर्तित होगा ,
आपके भाग्य जग जाएंगे
ये चुनाव का खेल बड़ा कॉम्प्लिकेटेड है ,आसान नहीं है
कई हथकंडे अपनाने पड़ते है ,आपको ज्ञान नहीं है
पर जब एक बार आप पूरे उत्साह और लगन के साथ
खेल के मैदान में उतरेंगे
तो  अपनी बुद्धि और धन के बल पर ,
नैया पार लगा ही लेंगे

मदन मोहन बाहेती'घोटू'
 

बुधवार, 25 सितंबर 2019

हास परिहास

भुला कर जीवन के सब त्रास
न आने  दे  चिंता  को  पास
रहें खुश ,क्यों हम रहे  उदास
आओ हम करे हास परिहास

मिटा कर मन का सारा मैल
किसी से नहीं रखें हम बैर
समझ सब को अपना ,ना गैर
मनाएं सबकी खुशियां ,खैर
हमेशा मस्ती और उल्हास
आओ हम करें हास परिहास

करे जो इधर उधर की बात
 हटा दें चमचों की जमात
सुधर जाएंगे सब हालात
प्रेम की बरसेगी बरसात
बसंती आएगा मधुमास
आओ हम करें हास परिहास

सुने ना ,ये ऐसा वो वैसा
न देखें कंगाली ना पैसा
सभी संग ,हंस कर मिले हमेशा
पाओगे ,जिसको दोगे  जैसा
सभी के बन जाओगे ख़ास
आओ हम करें हास परिहास
 
सुनहरी सुबह रंगीली शाम
रहें हम ,निश्छल और निष्काम
हमेशा मुख पर हो मुस्कान
सभी का भला करेंगे राम
सदा खुशियों का होगा वास
आओ हम करें हास परिहास

न लेना ,देना कोई उधार
सभी में बांटो प्रेमोपहार
रखोगे यदि व्यवहार उदार
मिलेगा तुमको दूना प्यार
कर्म में अपने कर विश्वास
आओ हम करें हास परिहास

तोड़ कर चिताओं का जाल
उड़ें बन पंछी ,गगन विशाल
भुलादो ,बीत गया जो काल
न सोचो ,कल क्या होगा हाल
आज का पूर्ण मज़ा लो आज
आओ हम करें हास परिहास

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

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