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बुधवार, 31 अक्तूबर 2018
मंगलवार, 23 अक्तूबर 2018
नारी जीवन
कितना मुश्किल नारी जीवन
उसे बना कर रखना पड़ता,जीवन भर ,हर तरफ संतुलन
कितना मुश्किल नारी जीवन
जिनने जन्म दिया और पाला ,जिनके साथ बिताया बचपन
उन्हें त्यागना पड़ता एक दिन,जब परिणय का बंधता बंधन
माता,पिता,भाई बहनो की , यादें आकर बहुत सताए
एक पराया , बनता अपना , अपने बनते ,सभी पराये
नयी जगह में,नए लोग संग,करना पड़ता ,जीवन व्यापन
कितना मुश्किल नारी जीवन
कुछ ससुराल और कुछ पीहर ,आधी आधी वो बंट जाती
नयी तरह से जीवन जीने में कितनी ही दिक्कत आती
कभी पतिजी बात न माने , कभी सास देती है ताने
कुछ न सिखाया तेरी माँ ने ,तरह तरह के मिले उलाहने
कभी प्रफुल्लित होता है मन, और कभी करता है क्रंदन
कितना मुश्किल नारी जीवन
इसी तरह की उहापोह में ,थोड़े दिन पड़ता है तपना
फिर जब बच्चे हो जाते तो,सब कुछ लगने लगता अपना
बन कर फिर ममता की मूरत,करती है बच्चों का पालन
कभी उर्वशी ,रम्भा बन कर,रखना पड़ता पति का भी मन
किस की सुने,ना सुने किसकी ,बढ़ती ही जाती है उलझन
कितना मुश्किल नारी जीवन
बेटा ब्याह, बहू जब आती ,पड़े सास का फर्ज निभाना
तो फिर, बेटी और बहू में ,मुश्किल बड़ा ,संतुलन लाना
बेटा अगर ख्याल रखता तो, जाली कटी है बहू सुनाती
पोता ,पोती में मन उलझा ,चुप रहती है और गम खाती
यूं ही बुढ़ापा काट जाता है ,पढ़ते गीता और रामायण
कितना मुश्किल नारी जीवन
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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संघर्ष विराम का उल्लंघन - जम्मू,संघर्ष विराम का उल्लंघनकरते हुए पाकिस्तानी सेना ने रविवार को फिर से भारतीय सीमा चौकियों पर फायरिंग की। इस बार पाकिस्तान के निशाने पर जम्मू जिले के का...11 वर्ष पहले
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प्रतिभा बनाम शोहरत - “ हम होंगें कामयाब,हम होंगें कामयाब,एक दिन ......माँ द्वारा गाये जा रहे इस मधुर गीत से मेरे अन्तःकरण में नए उत्साह का स्पंदन हो रहा था .माँ मेरे माथे को ...11 वर्ष पहले
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आवरण - जानती हूँ तुम्हारा दर्प तुम्हारे भीतर छुपा है. उस पर मैं परत-दर-परत चढाती रही हूँ प्रेम के आवरण जिन्हें ओढकर तुम प्रेम से भरे सभ्य और सौम्य हो जाते हो जब ...11 वर्ष पहले
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OBO -छंद ज्ञान / गजल ज्ञान - उर्दू से हिन्दी का शब्दकोश *http://shabdvyuh.com/* ग़ज़ल शब्दावली (उदाहरण सहित) - 2 गीतिका छंद वीर छंद या आल्हा छंद 'मत्त सवैया' या 'राधेश्यामी छंद' :एक ...11 वर्ष पहले
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इंतज़ार .. - सुरसा की बहन है इंतज़ार ... यह अनंत तक जाने वाली रेखा जैसी है जवानी जैसी ख्त्म होने वाली नहीं .. कहते हैं .. इंतज़ार की घड़ियाँ लम्बी होती हैं ख़त्म भ...12 वर्ष पहले
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यार की आँखों में....... - मैं उन्हें चाँद दिखाता हूँ उन्हे दिखाई नही देता। मैं उन्हें तारें दिखाता हूँ उन्हें तारा नही दिखता। या खुदा! कहीं मेरे यार की आँखों में मोतियाबिंद...12 वर्ष पहले
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आज का चिंतन - अक्सर मैं ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, के साथ हंसी-मजाक करता हूँ. जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमय...12 वर्ष पहले
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क्राँति का आवाहन - न लिखो कामिनी कवितायें, न प्रेयसि का श्रृंगार मित्र। कुछ दिन तो प्यार यार भूलो, अब लिखो देश से प्यार मित्र। ……… अब बातें हो तूफानों की, उम्मीद करें परिवर्तन ...12 वर्ष पहले
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कल रात तुम्हारी याद - कल रात तुम्हारी याद को हम चाह के भी सुला न पाये रात के पहले पहर ही सुधि तुम्हारी घिर कर आई अहसास मुझको कुछ यूँ हुआ पास जैसे तुम हो खड़े व्याकुल हुआ कुछ मन...12 वर्ष पहले
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HAPPY NEW YEAR 2012 - *2012* *नव वर्ष की शुभकामना सहित:-* *हर एक की जिंदगी में बहुत उतार चढाव होता रहता है।* *पर हमारा यही उतार चढाव हमें नया मार्ग दिखलाता है।* *हर जोखिम से ...12 वर्ष पहले
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"भइया अपने गाँव में" -- (बुन्देली काव्य-संग्रह) -- पं० बाबूलाल द्विवेदी - We're sorry, your browser doesn't support IFrames. You can still <a href="http://free.yudu.com/item/details/438003/-----------------------------------------...13 वर्ष पहले
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अपनी भाषाएँ - *जैसे लोग नहाते समय आमतौर पर कपड़े उतार देते हैं वैसे ही गुस्से में लोग अपने विवेक और तर्क बुद्धि को किनारे कर देते हैं। कुछ लोगों का तो गुस्सा ही तर्क...13 वर्ष पहले
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