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सोमवार, 3 अगस्त 2015

दिल्ली का बवाल -पांच दोहे

       दिल्ली का बवाल -पांच दोहे
                        १
दिल्ली में है कर रहे ,ये दो लोग बवाल
एक तो राहुल भाई है,एक केजरीवाल
                        २
एक सत्ता पाकर हुआ,पागल और मदमस्त
दूजा सत्ताच्युत हुआ  ,त्रस्त और  है  पस्त
                          ३ 
एक 'पोस्टर वार ' कर, मचा रहा उत्पात
एक बौखला रहा है, जब  से  खायी  मात
                          ४
एक ने थे वादे किये , कर ना  पाया  पूर्ण
बाँट  रहा  है  दूसरा  , नव वादों का चूर्ण
                           ५
एक पदयात्रा करे, एक सब में टांग अड़ाय
'लाइम लाइट ' में  रहें,  दोनों  करते 'ट्राय '

घोटू

रविवार, 2 अगस्त 2015

गर दोस्तों का साथ रहे.......... जिन्दगी जिन्दाबाद रहे..........

एकाएक हो जाती हैं
हमारी कई आंखें  
हमारे कई हाथ,
बढ़ जाती है ताकत
बढ़ जाता है कई गुना
हमारा हौसला,
हो जाती है एकाएक
बहुत दूर तक हमारी  
हमारी पहुंच,
इसतरह आसान हो जाते हैं
हमारे तमाम काम
और बहुत आसान सी 
हो जाती है जिन्दगी हमारी,
जब हो जाते हैं 
कुछ अच्छे दोस्त हमारे साथ...
हम न होकर भी हो जाते हैं 
डॉक्टर-इंजीनियर-मैनेजर
वकील-पुलिस ऑफीसर
या फिर राजनीतिज्ञ,
क्योंकि हमारे दोस्त हैं न ये सब?!
कोई भी दिक्कत हो
कोई भी अड़चन हो,
बस दोस्त को फोन घुमाना है
कोई भी - कैसी भी समस्या हो
समाधान फटाफट हो जाना है...

गर दोस्तों का साथ रहे
जिन्दगी जिन्दाबाद रहे...

- विशाल चर्चित

शुक्रवार, 31 जुलाई 2015

गुड़ और गुलगुले

    गुड़ और गुलगुले

कहते है खाने के बाद
गुड़ की एक डली,
खाई जाय ,लेकर के स्वाद
तो वो पाचन क्रिया में सहयोग देती है
और शक्कर कम खानी  चाहिए,
क्योंकि वो रोग देती है
मैं डाइबिटीज का मरीज ,
अक्सर जाता  हूँ खीज
जब लोग देते है उपदेश
गुड़ खाओ पर गुलगुलों से रखो परहेज
अरे हमारे रोज के खाने में ,
आटा भी होता है ,घी भी होता है
और ऊपर से गुड़ खालो तो चलता है
पर इन्ही तीन चीजों से तो गुलगुला बनता है
गुड़ के पानी में आटा घोल कर,जब जाता है तला
तो बनता है गुलगुला
तो फिर मेरी समझ में ये नहीं आता है
गुड़ खाने की मनाही नहीं है ,
प र गुलगुले से परहेज किया जाता है
इसके जबाब में किसी ने समझाया
शहद गुणकारी है,अगर जाय खाया
और घी खाने से बढ़ जाता बल है
पर शहद और घी ,बराबर मात्रा में मिल जाय ,
तो बन जाता घोर हलाहल है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

गुरुपूर्णिमा -दो दोहे

       गुरुपूर्णिमा -दो दोहे
                    १
ट्यूशन ,कोचिंग कर रहे ,कमा रहे है माल
पहले  होते  थे  गुरु, पर  अब  गुरुघंटाल
                     २
शिक्षा कुछ   देते नहीं,पैसे सिरफ़  कमाय
चेले गुड़ के गुड़ रहे ,गुरु शक्कर बन जाय

घोटू

गुरुपूर्णिमा पर दो कवितायेँ

      गुरुपूर्णिमा पर दो कवितायेँ
                       १
कहते है शक्कर
हमेशा होती है गुड़ से बेहतर
इसीलिये ,जब चेले लाखों कमाते है
और गुरुजी अब भी अपनी पुरानी,
 स्कूटर पर कॉलेज जाते है
लोग कहते है अक्सर
गुरूजी गुड़ ही रहे ,
और चेलेजी हो गए शक्कर
पर वो ये भूल जाते है कि गुड़ ,
सेहत के लिए बड़ा फायदेमंद होता है
और ज्यादा शकर खानेवाला ,
डाइबिटीज का मरीज बन,
जीवन भर रोता है
इसलिए लोग जो कहते है ,कहने दें
गुरु को लाभकारी ,गुड़ ही रहने दें
क्योंकि वो हमें देतें है ज्ञान
कराते है भले बुरे की पहचान
बनाते है एक अच्छा इंसान
इसलिए ऐसे गुरु को ,
हमारा कोटि कोटि प्रणाम
                   २
सच्ची निष्ठां से हमें शिक्षित किया ,
               हम है जो कुछ ,गुरु का अहसान है
कभी मारी छड़ी,दुलराया कभी,
                तभी मिल पाया हमें ये ज्ञान  है
सच्चे मन और समर्पण से पढ़ाते ,
                वो  गुरु, बीते  हुए  कल  हो गए 
कभी ट्यूशन ,कभी कोचिंग कराते ,
             आज गुरु कितने कमर्शियल हो गए

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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