काला- गोरा
काली आँखे मुख की शोभा बढ़ा रही है ,
काले केश हमेशा मस्तक पर रहते है
काला ही तो गोर की शोभा होता है ,
काले रंग को लोग बुरा फिर क्यों कहते है
गोरा रंग कहाँ रहता है,पगथलियों में,
नग्न बिचरता है गलियों में आवारा
या फिर छुपा हुआ रहता जूते के अंदर,
सूरत दिखलाने में डरता बेचारा
नारी तक भी नहीं चाहती गोरा रंग ,
गोरे हाथों को मेंहदी से रंग लेती है
गोरे मस्तक से उसको कोई लगाव नहीं ,
इसीलिये माथे पर बिंदिया देती है
बुरी चीज को सभी छुपाया करते है,
इसीलिये गौरी मुख घूंघट होता है
गोरा गात भले हो रोम रोम में पर,
काले काले रूऑ का जमघट होता है
गोरे सूरज की प्रखर तेज किरणो से तो,
काला दाग लिए चन्दा ही शीतल है
काले बादल ही तो सुख बरसाते है,
शोभा आँखों की होता काला काजल है
गोरा रंग भी क्या कोई रंग में रंग है ,
जिसका अपने खुद पर कुछ अधिकार नहीं
भरतपुरी लोटे सा बिन पेंदे वाला,
जिस रंग में चाहो रंगलो ,इंकार नहीं
युगों युगों से काला रंग स्वाभिमानी ,
खुद को बहकावे में ना आने देता है
अपने सिद्धांतों पर अटल सदा रहता ,
और रंगों को निज रंग में रंग लेता है
काला रंग सदा गम्भीर हुआ करता ,
टुच्चेपन की गोरा रंग निशानी है
गहरा पानी काला रहता ,गम्भीर सदा ,
जो उजला रहता वो छिछला पानी है
कृष्ण कन्हैया का वो काला रंग ही था,
कई गोपियाँ जिसके हित दीवानी थी
गोरे रंग की करतूत शहीदों से पूछो,
अंग्रेजों से क्यों लड़ी लक्ष्मी रानी थी
गोरा रंग जुल्मी बेरहम हुआ करता,
गोरी तलवार हमेशा खून बहाती है
काला रंग शांति का द्योतक होता है ,
काली म्यान मिली ठंडी हो जाती है
जो हरदम सुखदुख में साथ रहा करता ,
वो अपना साया भी काला होता है
काला तिल 'ब्यूटी स्पॉट 'कहाता है,
तिल से चेहरा कितना मतवाला होता है
काला रंग प्रतीक जवानी यौवन का,
काले केश ,जवां मस्तक पर छाते है
काले का महत्त्व उनसे पूछो जो निज ,
उजले बालों पर रोज खिजाब लगाते है
पुरुषों के गोर मुख पर काली दाढ़ी है,
दांतों पर काली मूंछों का साया है
काली कोयल ही मीठे गाने गाती है ,
काली जुल्फों ने किसको नहीं लुभाया है
काला धुंवा हरदम ऊंचा उठता है ,
साधी सादी होती काली घरवाली है
इसिलिये मै काले के गुण गाता हूँ,
मैं काला हूँ,मेरी बीबी काली है
काली आँखे मुख की शोभा बढ़ा रही है ,
काले केश हमेशा मस्तक पर रहते है
काला ही तो गोर की शोभा होता है ,
काले रंग को लोग बुरा फिर क्यों कहते है
गोरा रंग कहाँ रहता है,पगथलियों में,
नग्न बिचरता है गलियों में आवारा
या फिर छुपा हुआ रहता जूते के अंदर,
सूरत दिखलाने में डरता बेचारा
नारी तक भी नहीं चाहती गोरा रंग ,
गोरे हाथों को मेंहदी से रंग लेती है
गोरे मस्तक से उसको कोई लगाव नहीं ,
इसीलिये माथे पर बिंदिया देती है
बुरी चीज को सभी छुपाया करते है,
इसीलिये गौरी मुख घूंघट होता है
गोरा गात भले हो रोम रोम में पर,
काले काले रूऑ का जमघट होता है
गोरे सूरज की प्रखर तेज किरणो से तो,
काला दाग लिए चन्दा ही शीतल है
काले बादल ही तो सुख बरसाते है,
शोभा आँखों की होता काला काजल है
गोरा रंग भी क्या कोई रंग में रंग है ,
जिसका अपने खुद पर कुछ अधिकार नहीं
भरतपुरी लोटे सा बिन पेंदे वाला,
जिस रंग में चाहो रंगलो ,इंकार नहीं
युगों युगों से काला रंग स्वाभिमानी ,
खुद को बहकावे में ना आने देता है
अपने सिद्धांतों पर अटल सदा रहता ,
और रंगों को निज रंग में रंग लेता है
काला रंग सदा गम्भीर हुआ करता ,
टुच्चेपन की गोरा रंग निशानी है
गहरा पानी काला रहता ,गम्भीर सदा ,
जो उजला रहता वो छिछला पानी है
कृष्ण कन्हैया का वो काला रंग ही था,
कई गोपियाँ जिसके हित दीवानी थी
गोरे रंग की करतूत शहीदों से पूछो,
अंग्रेजों से क्यों लड़ी लक्ष्मी रानी थी
गोरा रंग जुल्मी बेरहम हुआ करता,
गोरी तलवार हमेशा खून बहाती है
काला रंग शांति का द्योतक होता है ,
काली म्यान मिली ठंडी हो जाती है
जो हरदम सुखदुख में साथ रहा करता ,
वो अपना साया भी काला होता है
काला तिल 'ब्यूटी स्पॉट 'कहाता है,
तिल से चेहरा कितना मतवाला होता है
काला रंग प्रतीक जवानी यौवन का,
काले केश ,जवां मस्तक पर छाते है
काले का महत्त्व उनसे पूछो जो निज ,
उजले बालों पर रोज खिजाब लगाते है
पुरुषों के गोर मुख पर काली दाढ़ी है,
दांतों पर काली मूंछों का साया है
काली कोयल ही मीठे गाने गाती है ,
काली जुल्फों ने किसको नहीं लुभाया है
काला धुंवा हरदम ऊंचा उठता है ,
साधी सादी होती काली घरवाली है
इसिलिये मै काले के गुण गाता हूँ,
मैं काला हूँ,मेरी बीबी काली है