सर्दी में -सवेरे सवेरे
कहा बीबी ने ये डीयर ,
बड़ी ही सर्दी है बाहर ,
रहो दुबके यूं ही अंदर ,रजाई ये सुहाती है
ये मौसम सर्द है आया
बड़ा कोहरा ,घना छाया
कि बाहर देखो बर्फानी ,हवायें सनसनाती है
कहा मन ने यूं भर आलस
आज सोये रहो तुम बस
नहीं उठने का जी करता ,आँख भी खुल न पाती है
भले मन कितना ही चाहे ,
मगर हम रुक नहीं पाये
भली सेहत की चाहत ही,सवेरे नित जगाती है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
कहा बीबी ने ये डीयर ,
बड़ी ही सर्दी है बाहर ,
रहो दुबके यूं ही अंदर ,रजाई ये सुहाती है
ये मौसम सर्द है आया
बड़ा कोहरा ,घना छाया
कि बाहर देखो बर्फानी ,हवायें सनसनाती है
कहा मन ने यूं भर आलस
आज सोये रहो तुम बस
नहीं उठने का जी करता ,आँख भी खुल न पाती है
भले मन कितना ही चाहे ,
मगर हम रुक नहीं पाये
भली सेहत की चाहत ही,सवेरे नित जगाती है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'