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गुरुवार, 28 अगस्त 2025

प्रभु सिमरन 

जीवन में जब विपदा आये ,तुम प्रभु का नाम सुमर लेना 
सच्ची श्रद्धा से निज मन को ,तुम भक्ति भाव से भर लेना 
करुणा निधान ,भगवान प्रभु सब कष्ट निवारण कर देगा 
सुख सारे ,खुशियां ही खुशियां
 तेरी झोली में भर देगा 
वह हरण कर रहा सबके दुख ,
तब ही तो हरी है कहलाता 
अन्न जल सारे जग को देता 
जग में सबसे ऊंचा दाता 
प्राण दायिनी वायु बनकर 
वह प्राण सभी में है भरता 
सूरज बनकर ऊर्जा देता 
और जग को है रोशन करता
वह ही बन कर के इंद्रदेव 
करवाता जल की बरसाते 
उसके कारण हरियाली है 
हैं पुष्प महकते मुस्कुराते 
वह परमपिता परमात्मा है 
उसकी झोली है सदा भरी 
श्रद्धा से पुकारा जिसने भी 
उसने उनकी है पीर हरी 
गज ,ग्राह के मुख से छुड़वाया 
प्रहलाद अगन से बचवाया 
संकट आया जब भक्तों पर 
नंगे पांव ,दौड़ा आया 
सच्चे मन भाव लगन से झुक
जो उसकी शरण में है जाता
उसके सब संकट कट जाते 
बिन मांगे सब कुछ पा जाता 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

रविवार, 24 अगस्त 2025

देव वंदन 

हे परमपिता भगवान राम 
हे द्वारकेश ,घनश्याम श्याम 
हे महादेव ,जय शिव शंकर 
हे नारायण, तू परमेश्वर 
मैं तेरा परम पुजारी हूं 
मैं आया शरण तिहारी हूं 
कर दो मेरा उद्धार प्रभु 
मुझ पर बरसा दो प्यार प्रभु 

हे आदि शक्ति दुर्गा माता 
जय सरस्वती, विद्या दाता 
हे महालक्ष्मी ,धन दात्री 
 मैं पूजूं सबको नवरात्रि 
तुम मुझ पर कृपा की दृष्टि करो  
धन और बुद्धि की वृष्टि करो 
कर दो मेरा उद्धार मात 
मुझ पर बरसा दो प्यार मात 

जय गणपति जय गौरी नंदन
पहली पूजा तुमको अर्पण 
तुम रिद्धि सिद्धि के हो दाता 
मैं तुम्हें नमाऊँ निज माथा 
मेरे कारण निर्विघ्न करो 
तुम मेरे सर पर हाथ धरो 
करता पूजा तेरी सदैव 
मुझ पर बरसा दो प्यार देव

 हे पवन पुत्र हनुमान प्रभो 
तुम हो शक्ति के धाम प्रभो 
तुमसा न कोई बलवान प्रभो 
है इष्ट तुम्हारे राम प्रभो 
तुम महावीर हो बजरंगी
तुम बुद्धिमान, सुमति संगी
मेरी किस्मत चमका दो तुम
बाधाएं सकल हटा दो तुम

जय राधा कृष्ण जुगल जोड़ी 
करो सीताराम कृपा थोड़ी 
 लक्ष्मी नारायण कृपा करो 
गौरी शंकर दुख सकल हरो 
जय अग्नि वरुण और इंद्रदेव 
 तुम ऊर्जा देते सूर्य देव 
तुमसे ही चलती यह सृष्टि 
 मुझ पर प्रभु रखना कृपा दृष्टि 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

सोमवार, 18 अगस्त 2025

संतुष्ट जीवन 

जो भी जिसके लिए कर सका,
 मैं वह जी खोल किया है 
मेरे मन में संतुष्टि है ,
मैंने जीवन सफल जिया है 

मिली मुझे जो जिम्मेदारी 
मैंने वह कर्तव्य निभाया 
इसकी नहीं कभी चिंता की
 मैंने क्या खोया क्या पाया 
पथ में बाधाएं भी आई,
 रहा जूझता हर मुश्किल से 
लेकिन काम किया जितना भी 
लगन लगाकर सच्चे दिल से 
इसका है परिणाम सभी ने
 मुझको जी भर प्यार दिया है 
मेरे मन में संतुष्टि है 
मैंने जीवन सफल जिया है 

हालांकि जीवन के पथ पर 
मै एकाकी, चला अकेला 
जो भी मिला मुझे रस्ते में
 मैंने उस पर प्यार उंडेला 
मैंने सबको दिया ही दिया
 बदले में कुछ भी न मांगा 
रहा हमेशा अनुशासन में 
मर्यादा को कभी ना लांघा 
सिद्धांतो पर सदा चला और 
सत पथ का अनुसरण किया है
 मेरे मन में संतुष्टि है 
मैंने जीवन सफल जिया है 

हरदम चला धर्म के पथ पर
 और सत्कर्म रहा मैं करता 
बना सत्य को अपना साथी 
हरदम रहा पाप से डरता
रहा पुण्य की हांडी भरता 
सदा बुराई से मुख मोड़ा 
सेवा भाव सदा रख मन में 
कभी किसी का दिल ना तोड़ा 
जितना भी हो सका हमेशा,
 मैंने सबका भला किया है 
मेरे मन में संतुष्टि है 
मैंने जीवन सफल जिया है

मदन मोहन बाहेती घोटू 

शनिवार, 9 अगस्त 2025

जीवन जीना 

आतेजाते हैं जीवन में 
कई जटिल तूफान 
सबसे लड़ते ,आगे बढ़ते 
जुझारू इंसान
जब तलक जिंदा स्वाभिमान 
तब तलक है जीने की शान 

कदम बढ़ाए फूंक फूंक कर 
देखें पीछे ,आगे 
राष्ट्र प्रेम की मन के अंदर,
सदा भावना जागे 
अगर किसी के काम आ सको 
जीवन धन्य तुम्हारा 
सेवा की और सद्भावों की 
मन में बहती धारा 
सत के पथ पर चले ना डिगे 
छोड़े ना ईमान 
जब तलक जिंदा स्वाभिमान 
तब तलक है जीने की शान 

 जो भी करें काम जीवन में
 मेहनत और लगन हो 
परोपकार के लिए हमारे 
जीवन का हर क्षण हो 
दीन दुखी की सेवा करना 
नहीं किसी का बुरा सोचना 
और दुर्भाव न रखना 
कभी किसी से कुछ पाने की 
तुम उम्मीद न रखना 
तभी तुम कहलाओगे महान
जब तलक जिंदा स्वाभिमान 
तब तलक है जीने की शान

सब के प्रति सदभाव रखें 
और बुरा न चाहे किसी का 
सदाचार से जीवन जीना 
होता नाम इसी का 
हंसते-हंसते सबसे मिलना 
और रहना मिलजुल कर 
नहीं किसी से कभी दुश्मनी 
जीवन जीना खुलकर 
मिलेगा तुम्हें बहुत सम्मान 
जब तलक जिंदा स्वाभिमान 
तब तलक है जीने की शान 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

शनिवार, 2 अगस्त 2025

जीवन का सफर

 पूरा जीवन का सफर किया,
 कुछ चलते-चलते भाग-भाग 
कुछ थके ,रुक गए सुस्ताए 
कुछ सोते-सोते, जाग जाग 

कुछ दिन गुजरे लाचारी में 
कुछ त्रस्त रहे बीमारी में 
जीवन की आपथापी में
 दुनिया की मारामारी में 
की पार राह की बाधाएं,
कुछ उचक उचक, कुछ लांघ लांघ 
पूरा जीवन का सफर किया 
कुछ चलते-चलते, भाग भाग 

कुछ दोस्त मिले ,कुछ दुश्मन भी 
कांटों में उलझा दामन भी 
जो गले लगाया कोई ने 
तो हुई किसी से अनबन भी 
बस बीत गया पूरा जीवन
 कुछ देते देते ,मांग मांग 
पूरा जीवन का सफर किया 
कुछ चलते-चलते, भाग भाग 

कोई ने बीच राह छोड़ा 
कोई ने आ रिश्ता जोड़ा 
कोशिश लाख की दुनिया को
 हम समझ सके थोड़ा-थोड़ा 
कोई संग जीवन डोर बंधी 
पाया कोई का अनुराग 
जीवन का सफर किया पूरा
 कुछ चलते-चलते ,भाग भाग

जो लिखा भाग्य अनुसार किया 
दिल दिया किसी से प्यार किया 
कुछ रोते ,कुछ हंसते गाते
 इस भवसागर को पार किया 
लहरों से रहे जूझते हम 
मन का सारा भय त्याग त्याग 
पूरा जीवन का सफर किया 
कुछ चलते-चलते भाग भाग

मदन मोहन बाहेती घोटू 
जय श्री कृष्णा ,जय श्री राम 

बोलो कृष्णा कृष्णा कृष्णा 
बोलो राम राम राम 
राम कृष्ण दोनों अवतारी 
दोनों बड़े महान 
बोलो कृष्णा कृष्णा कृष्णा 
बोलो राम राम राम 

रामचंद्र की तीन माताएं ,उन पर प्यार लुटाए थी 
एक देवकी ,एक यशोदा ,कृष्ण की भी दो माएं थी 
तीन भाई थे रामचंद्र के
 कृष्ण भाई बलराम 
बोलो कृष्णा कृष्णा कृष्णा 
बोलो राम राम राम 

 राम का बचपन अनुशासित था
करते गुरु की सेवा 
 नटखट कृष्ण ,चुरा कर माखन 
करते रोज कलेवा 
कृष्ण का बचपन गांव और वन में राजमहल में राम पले 
बाद राम जी वन वन घूमे 
सिंहासन पर कृष्ण चढ़े 
एक द्वारका जाकर बस गए
 एक अयोध्या धाम
 बोलो कृष्ण कृष्ण कृष्ण,
 बोलो राम राम राम 

एक ने अपनी मुरली धुन पर
 पाया राधा का प्यार 
एक ने चलाना सीखा गुरु से 
अस्त्र-शस्त्र हथियार 
राम के हाथों धनुष बाण था 
कृष्ण के हाथ सुदर्शन 
सोलह कला कृष्ण को आई 
राम पुरुष पुरुषोत्तम 
त्रास मिटाने सबका आए 
धरती पर भगवान 
बोलो कृष्ण कृष्ण 
बोलो राम राम राम 

एक पत्नी व्रत श्री राम का 
कृष्ण के आठ आठ रानी 
दोनों ख्याल प्रजा का रखते 
राज धर्म के ज्ञानी 
पत्नी के संग राम पुजाते 
सिया राम का बंधन 
मगर प्रेमिका राधा के संग
राधा कृष्ण का पूजन 
परम भक्त हनुमान राम के 
 कृष्ण का ना हनुमान 
बोलो कृष्ण कृष्ण कृष्ण
बोलो राम राम राम

मदन मोहन बाहेती घोटू 
करती है मुझको बहुत सुखी,
 जब बिटिया रहती है पापा 
ऐसा लगता कोयल कूकी ,
जब बिटिया रहती है पापा 

करती है मुझसे प्यार बहुत 
रखती है साज संभाल बहुत 
खुश रहती ,हरदम मुस्काती 
मुझसे मिलती ,आती जाती 
सेवा करने में ना चूकी,
 जब बिटिया रहती है पापा
ऐसा लगता कोयल कूकी,
जब बिटिया रहती है पापा 

वह बहुत चुलबुली ,खुशमिजाज
 मुझको है उसे पर बहुत नाज़ 
सबसे मिलती है मिलनसार 
करते हैं उससे सभी प्यार 
आती है लहर एक खुशबू की,
 जब बिटिया रहती है पापा 
ऐसा लगता कोयल कूकी,
जब बिटिया कहती है पापा 

ऐसा है उसमें कुछ जादू 
सब रहते हैं उसके काबू 
उसका व्यक्तित्व निराला है 
वह जग में सबसे आला है 
उसकी प्रतिभा है बहुमुखी 
जब बिटिया रहती है पापा 
ऐसा लगता कोयल कूकी,
जब बिटिया रहती है पापा

मदन मोहन बाहेती घोटू 

मेरी प्यारी पत्नी तारा 
इसका है व्यक्तित्व निराला 
वो तारा नहीं ,वह तो है चांद
 चांद सी शीतल और शांत
चेहरे पर वैसी ही चमक
रूप में वैसी ही दमक 
हमेशा चेहरे पर मुस्कान
उसका व्यतित्व है महान
संभालती मुझको और घर सारा 
 मेरी प्यारी पत्नी तारा

वह तो ग्रहणी एक कुशल है 
उसके हाथों में कौशल है 
बनाती मधुर मधुर पकवान 
जब भी आते हैं मेहमान 
गजब की उसकी मेहमाननवाजी  
सभी को रखती है वह राजी 
चाहती वह आए दोबारा 
मेरी प्यारी पत्नी तारा 

भले ही मेरी तरह वृद्ध है
फिर भी काम करने को कटिबद्ध है 
कभी भी नहीं है थकती 
हमेशा मेरा ख्याल रखती है 
उसकी सेवा और संभाल 
ने मेरी उम्र बढ़ा दी कुछ साल 
इसका श्रेय उसको जाता है सारा 
मेरी प्यारी पत्नी तारा 

मदन मोहन बाहेती घोटू 



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