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रविवार, 21 सितंबर 2025

हम जन्मदिन मनाएं 

जीवन के बचे कुछ दिन 
चल रहा प्रहर अंतिम 
सर पर सफेदी छाई 
देता है कम दिखाई 
सुनते हैं थोड़ा ऊंचा 
जर्जर है तन समूचा 
हालात दिल की खस्ता
 हाथों में ले गुलदस्ता 
क्यों ना मिठाई खाएं 
हम जन्मदिन मनाएं 

थोड़ा बचा है ईंधन 
गाड़ी चलेगी कुछ दिन 
फिर भी रहें चलाते 
और रह कर मुस्कुराते 
हम केक भी काटेंगे 
और सबको ही बाटेंगे 
जब तक है जिंदा थोड़े 
जिंदादिली ना छोड़े 
सबको गले लगाएं 
हम जन्मदिन मनाएं 

जीवन की आपाधापी 
कर लिया काम काफी 
मस्ती का आया मौसम 
आराम कर रहे हम 
आए हैं ऐसे दिन अब
 अपनी कमाई दौलत 
अपने पर करें खर्चा 
चारों तरफ हो चर्चा 
खुशियों के नाच गाएं 
हम जन्मदिन मनाएं 

यारों के साथ मिलके  
करें शौक पूरे दिल के 
रंगीन यह खुदाई 
ईश्वर ने है बनाई 
दुनिया की सैर कर ले 
खुशियों का ढेर भर ले 
अरमान सब अधूरे 
जल्दी से कर ले पूरे 
मस्ती से पियें खायें 
हम जन्मदिन मनायें 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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