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मेरा काव्य-पिटारा
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शुक्रवार, 22 दिसंबर 2017
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धन्यवाद कपिल जी हमारे उजले केश और बढ़ती उम्र को देख आपने हमें ६०-७०-के दशक के गांव के लिए सही चुना पर एक बात बतादे की हम तब भी जवान थे अब भ...
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८० से ९० के दशक के गीत १ कोई कंवरी कन्या जब सपने बुनती है तो अपने लिए एक राजकुमार चुनती है जो सफ़ेद घोड़े पर होकर सवार ,मन में भरे प्यार -आ...
गुरुवार, 14 दिसंबर 2017
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उत्तेजना उत्तेजना , शरीर की वो अवस्था है जिसमे शरीर के ज्वालामुखी का ठंडा पड़ा खून , लावे सा पिघलता है तन मन में होने लगता है कम्पन कितनी...
2 टिप्पणियां:
मंगलवार, 12 दिसंबर 2017
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हुस्न की मार से बचना नजाकत से,नफासत से ,अदाओं से करे घायल और उनकी मुस्कराहट भी ,बड़ी ही कातिलाना है बड़ी मासूम सी सूरत ,बड़ी चंचल निगाहें ह...
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विराट मेरा विराट है ये क्रिकेट सम्राट है ये खिलाडी है धुरंधर जोश है जिसके अंदर नहीं कोई से डरता रनो की बारिश करता खेलता है जब जमकर...
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