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मंगलवार, 31 जनवरी 2012
जिन्दगी को, एक हसीं अब, मोड़ देने जा रहा
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आज अपने, सुप्त सपने, फिर जगाने जा रहा, जिन्दगी को, एक हसीं, अब मोड़ देने जा रहा । चाहता हूँ, पतझड़ों में, चंद हरियाली भरुँ, बंजरों...
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शनिवार, 28 जनवरी 2012
बूढों का हो कैसा बसंत?
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बूढों का हो कैसा बसंत? -------------------------- पीला रंग सरसों फूल गयी मधु देना अब ऋतू भूल गयी सब इच्छाएं प्रतिकूल गयी यौवन ...
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सरस्वती वंदना
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बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा दिवस पर सभी साहित्य प्रेमियों को घोटू की शुभकामनायें माँ सरस्वती आपके सृजन को पुष्पित और पल्लवित करे इसी शुभक...
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हे ज्ञान की देवा शारदे
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(मेरे ब्लॉग "मेरी कविता" पर ये सौवीं पोस्ट माता शारदे को समर्पित है । मुझे इस बात से अत्यंत हर्ष हो रहा है कि आज के ही शुभ दिन ...
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ए बसंत तेरे आने से
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ए बसंत तेरे आने से नाच रहा है उपवन गा रहा है तन मन ए बसंत तेरे आने से । खेतों में लहराती सरसों झूम रही है अब तो मानो प्रभात में जग रही...
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