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शनिवार, 28 जनवरी 2012

ए बसंत तेरे आने से

ए बसंत तेरे आने से
नाच रहा है उपवन
गा रहा है तन मन
ए बसंत तेरे आने से ।

खेतों में लहराती सरसों
झूम रही है अब तो
मानो प्रभात में जग रही है
ए बसंत तेरे आने से ।

चिड़िया भी चहकती है
भोर में गीत गाती है
घर में खुशियाँ आती हैं
ए बसंत तेरे आने से ।

खिल गयी सरसों
बिखर गयी खूशबू
मनमोहक हो गया नज़ारा
ए बसंत तेरे आने से ।
,,,"दीप्ति शर्मा "

4 टिप्‍पणियां:

  1. उम्दा प्रस्तुति ………बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें.

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  2. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति
    आज चर्चा मंच पर देखी |
    बहुत बहुत बधाई ||

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  3. कितना सुन्दर और खुशनुमा अहसास है आपकी इस रचना में..
    दुआ है आपके जीवन में यह वसंत का मौसम सदा बना रहे ..
    वसंत पंचमी की हार्दिक बधाई अवं शुभकामनाए..

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  4. बहुत सुन्दर बसंत को जीवंत करती सार्थक रचना..

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