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गुरुवार, 2 फ़रवरी 2012
विडम्बना
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एक तरफ बनाकर देवी, पूजते हैं हम नारी को, भक्ति भाव दर्शाते हैं, बरबस सर नवाते हैं, माँ शारदे के रूप में कभी ज्ञान की देवी बतात...
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बुधवार, 28 सितंबर 2011
रावण दहन
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खुद ही बनाते हैं, खुद ही जलाते हैं, यूँ कहें कि हम अपनी भड़ास मिटाते हैं | समाज में रावण फैले कई रूप में यारों, पर उनसे तो कभी न पार हम...
7 टिप्पणियां:
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