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मंगलवार, 1 जनवरी 2013

नए साल में


सभी पंक्तियों का पहला अक्षर मिलाने पर "नया साल सबके लिए सुखद एवं मंगलमय हो" )

वरंग सी उमंग लिए,
या आसमान के जैसे खुले विचार;
सागर से भी गहरी सोच या,
श्कर लिए ख़ुशी का, गम दरकिनार|

रस कर इन चार लम्हों को,
रसती सावन की बूंदों का झार;
केंद्र में लिए लक्ष्य को अपने,
लिख दे हर दिल में बस प्यार ही प्यार|

क अकेला चल पथ में,
सुप्त पड़ जाये गर ये संसार;
बर दे सबको बस खुशियों भरा,
वा बन सबका, लगा दे पार|

कल व्यक्तित्व गर ढह भी जाये,
वंदन और पूजन न हो तार-तार;
मंगल पथ में कर मगल कर्म,
र आ भी जाये दुखते आसार|

य पर सीधा चलते चल,
र्म तब जानेगा जीवन के चार;
ह मान ले पथ में सिर्फ कांटें नहीं हैं,
होगा भला करले भला अपार|

3 टिप्‍पणियां:

  1. सच ही अगर ऐसा समाज होने लगे ,आशाओं का दामन तो पकडे रहना होगा -नव-वर्ष मंगल मय हो !

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  2. नव बर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ!


    सादर

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  3. माया ईस न आपु कहुँ जान कहिअ सो जीव ।
    बंध मोच्छ प्रद सर्बपर माया प्रेरक सीव ।। रा. च. मा. अ. का. दो. क्र. 15
    ----- ।। गोस्वामी तुलसी दास ।। -----

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