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शनिवार, 30 अप्रैल 2022
नारी का श्रृंगार तो पति है
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BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN: नारी का श्रृंगार तो पति है : नारी का श्रृंगार तो पति है पति पर जान लुटाए एक एक गुण देख सोचकर कली फूल सी खिलती जा...
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शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022
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तेरा प्यार मैंने सारे स्वाद भुलाए, जबसे तेरा प्यार चखा है अपने से भी ज्यादा तूने हरदम मेरा ख्याल रखा है खुद से ज्यादा तुझको रहती हरदम औरों...
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मेरी पत्नी बहुत मधुर है मेरी उमर हो गई अस्सी मैं अब भी हूं मीठी लस्सी पिचहत्तर होने आई है पत्नी मेरी रसमलाई है हम दोनों का साथ अनूठा यह...
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आज भी आज भी कातिल अदायें आपकी हैं , आज भी शातिर निगाहें आपकी हैं आज भी लावण्यमय सारा बदन है, आज भी मरमरी बांहे आपकी है महकता है आज भी चं...
गुरुवार, 21 अप्रैल 2022
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गोपाल जी मनोरमा विवाह के 60 साल के अवसर पर 1 साठ साल पहले मिले मनोरमा गोपाल एक दूजे का साथ पा, दोनों हुए निहाल दोनों हुए निहाल ,प्रेम की ...
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