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शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022

मेरी पत्नी बहुत मधुर है 

मेरी उमर हो गई अस्सी
मैं अब भी हूं मीठी लस्सी 
पिचहत्तर होने आई है 
पत्नी मेरी रसमलाई है 
हम दोनों का साथ अनूठा 
यह भी मीठी ,मैं भी मीठा 
सीधी सादी, सुंदर भोली 
 बहुत मधुर मीठी है बोली 
सब के संग व्यवहार मधुर है 
दिल से करती प्यार मधुर है 
कभी सुहाना गाजर हलवा 
कभी जलेबी जैसा जलवा 
कभी गुलाब जामुनो जैसी 
या कातिल काजू कतली सी 
रबड़ी है ये कलाकंद है 
हर एक रुप में यह पसंद है 
अधरम मधुरम वदनम मधुरम
 नयनम मधुरम चितवन मधुरम
 मनमोहक मुस्कान खान है 
 मिठाई की ये दुकान है 
 यह तो था सौभाग्य हमारा 
 जो पाया है साथ तुम्हारा 
 सहगामिनी पति की सच्ची 
 मेरी तारा सबसे अच्छी 
 जीवन में बहार बन आई 
 जन्मदिवस की तुम्हे बधाई

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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